IAS Smita Sabharwal: देश की स्मिता सभरवाल, मात्र 23 वर्ष की आयु में यूपीएससी परीक्षा में चौथी रैंक हासिल करके सबसे कम आयु की आईएएस अधिकारियों में से एक बन गईं। आपकी जानकारी के लिए बता दें स्मिता सभरवाल का जन्म दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल में एक बंगाली परिवार में हुआ।
हैदराबाद में पढ़ाई की और 2000 में यूपीएससी परीक्षा पास की। बता दें कि तेलंगाना के सीएम कार्यालय में नियुक्त होने वाली वह पहली महिला आईएसएस अधिकारी बनीं। अब उनकी 12वीं की मार्कशीट वायरल हो रही है।
मात्र 23 वर्ष की आयु में स्मिता सभरवाल ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की, इसके बारे में बहुत से व्यक्तिसपने ही देखते हैं। उनका नाम अचानक कामयाबी और मजबूत इरादे का पर्याय बन गया। जब उन्होंने साल 2000 में देश की सबसे कठिन प्रतिस्पर्धी यूपीएससी परीक्षा में चौथा स्थान हासिल किया।
इस प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक अधिकारी की कामयाबी की कहानी के पीछे क्या छिपा है? जानिए उनकी सफलता की कहानी ।
आखिर कौन हैं स्मिता सभरवाल?
आपको बता दें कि स्मिता सभरवाल की शैक्षणिक किसी प्रेरणा से कम नहीं है। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में एक बंगाली परिवार में जन्मी स्मिता का पालन-पोषण उनके पिता कर्नल प्रणब दास और मां पूरबी दास ने किया। उनकी शुरूआती शिक्षा हैदराबाद में हुई। जहां उन्होंने सिकंदराबाद के सेंट ऐन हाई स्कूल में पढ़ाई की।
12वीं कक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन
स्मिता सभरवाल की कामयाबी की नींव बहुत पहले ही रख दी गई थी। कक्षा दसवीं में अच्छे अंक हासिल किए। इसी के साथ कक्षा 12वीं की परीक्षा में उनके असाधारण प्रदर्शन ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। स्मिता ने 1995 में सीआईएससीई इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा में अंग्रेजी और हिंदी दोनों में 100 में से 94 नंबर हासिल किए। इसके अलाव अर्थशास्त्र में 100 में से 90 अंक प्राप्त किए।
सिविल सेवा परीक्षा में चौथी रैंक
सिविल सेवा परीक्षा में अपने पहले प्रयास में शुरुआती असफलता के बावजूद स्मिता के दृढ़ संकल्प ने उन्हें कामयाबी हासिल की। अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने न केवल यूपीएससी परीक्षा पास की, बल्कि एक प्रभावशाली अखिल भारतीय रैंक 4 भी हासिल की।
22 वर्ष की आयु में उनकी उपलब्धि ने उन्हें देश में सबसे कम आयु की आईएएस अधिकारियों में से एक बना दिया।