हरियाणा की बेटी रीतिका हुड्डा और ज्योति सिहाग ने विश्व सैन्य चैंपियनशिप में गाड़े झंडे, स्वर्ण पदक जित रचा इतिहास

Haryana News: हरियाणा देश दुनिया में एक ऐसा राज्य है जिसे पहलवानों की भूमि माना जाता है। यहां पुरुष के साथ-साथ महिलाएं महिलाओं ने भी कुश्ती की दुनिया में अलग छाप छोड़ी है। देश दुनिया में कहीं भी किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता हो हरियाणा के खिलाडियों का अलग जोहर देखने को मिलता है। भारतीय कुश्ती को हरियाणा के खिलाड़ियों ने विदेशों में भी डंका बजवाया है। वहीं बता दें कि हरियाणा की कुश्ती पहलवान ज्योति सिहाग ने भी इतिहास रच दिया और रितिका हुड्डा ने एक नया कृतिमान रच दिया है ,ज्योति सिहाग ने 55 किलोग्राम वेट में जीत हासिल की वहीं रितिका हुड्डा ने 77 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीत अपने राज्य का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है

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विवरण
क्यों चर्चा में? रीटिका हुड्डा ने विश्व मिलिट्री चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
इवेंट विश्व मिलिट्री चैंपियनशिप 2024
उपलब्धि महिलाओं की 76 किग्रा श्रेणी में स्वर्ण पदक।
ऐतिहासिक उपलब्धि ज्योति सिहाग के बाद स्वर्ण पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला।

मुख्य बिंदुः
रितिका हुड्डा ने महिलाओं के 76 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय कुश्ती में एक नया अध्याय लिखा।
इससे पहले दिन में, ज्योति सिहाग ने 55 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत के लिए इतिहास रच दिया।
महिला टीम 2024 में पदार्पण करेगी, पहली बार भारत ने विश्व सैन्य चैंपियनशिप में महिला टीम भेजी है।

यह सशस्त्र बलों द्वारा महिलाओं की भर्ती के निर्णय का परिणाम है, जो महिला एथलीटों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
पेरिस 2024 ओलंपिक में रितिका के संघर्ष और क़ाबलियत ने पुरे देश का दिल जित लिया था। रितिका क्वार्टर फाइनल में किर्गिस्तान की शीर्ष वरीयता प्राप्त अपेरी मेडेट किजी से हार गई थीं। इस हार के बावजूद, उन्होंने मजबूत मनोबल और कड़ी मेहनत के साथ विश्व सैन्य चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी योग्यता साबित की। आज इस मुकाम को हासिल करने के लिए उन्होंने दिन रात कड़ी महेनत की है।
बता दे की सशस्त्र बलों में महिलाओं की भर्ती ने भारतीय खेलों को वैश्विक मान्यता दी है।आज के समय रितिका युवाओं के लिए प्रेणना बन गई है। ओलंपिक हार से स्वर्ण पदक तक की यात्रा दृढ़ता और दृढ़ संकल्प का एक उदाहरण है। इन उपलब्धियों ने विश्व स्तर पर भारतीय महिलाओं की कुश्ती को ताकत दी है

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