Haryana Rajyasabha Upchunav: हरियाणा में चुनाव को लेकर फिर डंका बजाने वाला है। बता दें कि हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में भी बीजेपी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है वहीं अब हरियाणा में यूपी चुनाव की घोषणा हो चुकी है और तारीख को का ऐलान भी हो चुका है।
20 दिसंबर को वोटिंग
हरियाणा में उपचुनाव 20 दिसंबर को वोटिंग होगी उसी दिन शाम को रिजल्ट जारी होग। हरियाणा में 7 दिन के लिए नामांकन कर सकते हैं। जो 3 दिसंबर से चालू होकर 10 दिसंबर तक नामांकन की प्रक्रिया रहेगी।
अधिक जानकारी के लिए बता दें की कृष्ण लाल पवार ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 14 अक्टूबर को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था इसके बाद हरियाणा में यह सीट खाली हो चुकी थी और इसे एक रिक्त सीट घोषित करार दिया गया था। Haryana Rajyasabha Upchunav
अब जो भी सांसद चुना जाएगा उसका कार्यकाल 1 अगस्त 2018 तक रहेगा वहीं बीजेपी की तरफ से इस रेस का हिस्सा सिरसा से सांसद रही सुनीता दुग्गल पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई और हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली समेत कई बड़े चेहरे दौड़ में शामिल है।
वहीं दूसरी तरफ अंदेशा यह भी लगाया जा रहा है कि बीजेपी के पास बहुमत होने के चलते पार्टी उम्मीदवार का राज्यसभा सांसद लगभग तय माना जा रहा है। इसी साल कांग्रेस नेता उपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने के बाद भी एक सीट खाली हुई थी। वहीं उपचुनाव में पहली बार भाजपा से चुनाव लड़ रही किरण चौधरी ने अपना दमखम दिखाया और वह राज्यसभा सांसद चुनी गई। खास बात यह थी कि इस चुनाव में विपक्ष ने कोई उम्मीदवार भी खड़ा नहीं किया था। वही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पहले ही यह कह दिया कि हमारे पास बहुमत नहीं है।
हरियाणा उपचुनाव को लेकर सुनीता दुगल और कुलदीप बिश्नोई प्रबल दावेदार
वहीं इस उप चुनाव को लेकर कुलदीप बिश्नोई और सुनीता दुग्गल की काफी मजबूत दावेदारी मानी जा रही है बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई की प्रदेश और राजस्थान में बिश्नोई वोटरों में पकड़ काफी मजबूत मानी जा रही है वहीं उनकी पत्नी और बेटा भी विधायक रह चुके हैं ऐसे में उनके चेहरे पर भी पार्टी में विचार विमर्श चल रहा है।Haryana Rajyasabha Upchunav
वहीं सुनीता दुग्गल हरियाणा में भाजपा की तरफ से काफी उभरता हुआ चेहरा है वह 2019 में सिरसा की सीट से दो लोकसभा सांसद रह चुकी ह।
हालांकि 2024 में उनकी सीट काटकर अशोक तवंर को दे दी गई थी। वह अशोक तवंर को हार का सामना करना पड़ा था लेकिन फिर भी वह किसी भी तरह से पार्टी से नाराज नहीं दिखी। बता दें कि सुनीता दुग्गल की दलितों में काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है और इस बात का भी अंदेशा लगाया जा रहा है की राज्यसभा की खाली हुई सीट एससी सीट है। जिसके चलते सुनीता दुग्गल को इस सीट के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है