AS Srushti Deshmukh: यूपीएससी को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत की और यूपीएससी को क्रैक करके सफलता हासिल की।
आई. ए. एस. सृष्टि देशमुख की सफलता की कहानी पूरे भारत में यू. पी. एस. सी. उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। समर्पण और कड़ी मेहनत से भरी उनकी यात्रा से पता चलता है कि इस तरह की प्रतिस्पर्धी यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के लिए क्या करना पड़ता है।
28 मार्च 1996 को भोपाल में जन्मी सृष्टि का पालन-पोषण उनके माता-पिता जयंत देशमुख, जो एक इंजीनियर हैं और सुनीता देशमुख, जो एक टीचर हैं, ने किया। वह छोटी उम्र से ही पढ़ाई में अव्वल रही और कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल में 12वीं कक्षा में 93 फीसदी नंबर प्राप्त किए।
2018 में केमिकल इंजीनियरिंग में अपनी डिग्री पूरी करने के बाद, सृष्टि ने सिविल सेवक बनने के अपने सपने को पूरा करने का फैसला किया। यूपीएससी परीक्षा में उनका पहला अटेंप्ट सफल रहा, क्योंकि उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 5 हासिल की और 2018 में महिला टॉपर बनीं।
तैयारी के लिए उनकी अप्रोच पूरी तरह से नोट्स लेना, न्यूज पेपर पढ़ना और एजुकेशन प्रोग्राम देखना था। उनकी लगन का नतीजा यह हुआ कि उन्होंने लिखित परीक्षा और इंटरव्यू दोनों में ही अच्छे नंबर प्राप्त किए।
अपनी पेशेवर उपलब्धियों के अलावा, सृष्टि को अपने सफ़र के दौरान प्यार भी मिला। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में प्रशिक्षण के दौरान उनकी मुलाक़ात IAS अधिकारी डॉ नागार्जुन बी गौड़ा से हुई। उन्होंने साल 2022 में शादी कर ली।
सृष्टि देशमुख की कहानी कड़ी मेहनत और जुनून की कहानी है। उनकी यात्रा हज़ारों उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो दिखाती है कि सही मानसिकता और समर्पण के साथ, कुछ भी संभव है।