Haryana: हरियाणा सरकार ने विश्वविद्यालयों में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब इन प्रोफेसरों को रिटायरमेंट तक नौकरी की सुरक्षा दी जाएगी। यह निर्णय हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा लिया गया है, जिन्होंने हाल ही में पंचकूला में एक बैठक में इस बात की पुष्टि की। इस कदम से सभी असिस्टेंट प्रोफेसरों को बड़ा समर्थन मिलेगा और उनकी भविष्यवाणी में सुरक्षा का एहसास होगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस संबंध में एक विधेयक नए साल में विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस विधेयक के पास होते ही सभी अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को सेवा सुरक्षा का लाभ मिलेगा। इसका मतलब है कि अब कोई भी असिस्टेंट प्रोफेसर नौकरी से नहीं हटाया जाएगा, और उन्हें रिटायरमेंट तक स्थिरता मिलेगी।
मुख्यमंत्री की घोषणा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला में हुकटा (हरियाणा यूनिवर्सिटी कांट्रेक्ट टीचर्स एसोसिएशन) के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा कि: “आपको चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है, सरकार आपके साथ है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने पहले ही कॉलेज के एक्सटेंशन लेक्चरर्स और स्कूलों के गेस्ट टीचर्स को सेवा सुरक्षा प्रदान की है, और अब विश्वविद्यालयों के अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को भी यह सुरक्षा दी जाएगी।
असिस्टेंट प्रोफेसरों की समस्याएं
हुकटा के प्रदेश अध्यक्ष विजय मलिक ने मुख्यमंत्री से मिलकर असिस्टेंट प्रोफेसरों की समस्याओं को रखा। उन्होंने कहा “हमारा चयन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा निर्धारित सभी पात्रता शर्तों और चयन प्रक्रिया के मापदंडों के आधार पर किया गया था।” “लंबे समय से सेवा सुरक्षा का इंतजार कर रहे कई प्रोफेसर अब उम्र की सीमा पार कर चुके हैं, और उन्हें रेगुलर होने का अवसर नहीं मिल पाया है।” यह निर्णय उन असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो लंबे समय से असुरक्षित नौकरी की स्थिति में काम कर रहे थे।