SBI Update: अगर आप भी देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ग्राहक हैं तो आज की खबर सुनकर आपको बड़ा झटका लगने वाला है। आपको बता दें कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अलग-अलग अवधि के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट यानी MCLR की दरें बढ़ाने का फैसला किया है। आज की खबर में हम आपको इस बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
एसबीआई ने ग्राहकों को दिया झटका
बैंक के इस फैसले के बाद लोन और भी महंगा होने वाला है, ऐसे में अब आपको पहले से ज्यादा EMI चुकानी पड़ सकती है। एसबीआई का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, यानी इसे 6.5% पर स्थिर रखा गया है। इस बढ़ोतरी के साथ ही 1 साल की MCLR 8.65% से बढ़कर 8.75% हो गई है।
वहीं एक महीने और 3 महीने की MCLR भी 8.2% से बढ़कर 8.3% हो गई है। 6 महीने के लिए MCLR अब 8.65% है। इसके अलावा 2 साल के लिए MCLR भी 8.75% से बढ़कर 8.85% हो गया है।
बैंक ने जुटाए 830 करोड़ रुपए
MCLR में बढ़ोतरी का RBI के रेपो रेट या ट्रेजरी बिल यील्ड जैसे बाहरी बेंचमार्क से जुड़े लोन वाले लेंडर्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस बीच, कल SBI ने जानकारी दी कि कारोबार बढ़ाने के लिए बॉन्ड के जरिए 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 830 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। SBI ने शेयर बाजार को जानकारी दी कि यह रकम सीनियर अनसिक्योर्ड फ्लोटिंग रेट बॉन्ड के जरिए जुटाई गई है।