Bank UPI Rules: 1 अप्रैल से बैंक यूजर्स के लिए बड़ा बदलाव, इन मोबाइल नंबरों की बैंकिंग सेवा हो जाएगी बंद

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बैंक खाता (Bank Account) हो या UPI पेमेंट (UPI Payment) अगर आप डिजिटल ट्रांजैक्शन (Digital Transaction) का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। 1 अप्रैल से बैंक और डिजिटल पेमेंट सर्विस देने वाले ऐप जैसे Google Pay PhonePe और Paytm उन अकाउंट्स को बंद करने जा रहे हैं जिनका मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव (Inactive) है।

NPCI का नया निर्देश

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बैंकों और UPI ऐप्स को 31 मार्च तक ऐसे सभी इनएक्टिव नंबरों को सिस्टम से हटाने का आदेश दिया है। इसका मकसद उन समस्याओं को दूर करना है जो इनएक्टिव या रीसाइकिल (Recycled) किए गए मोबाइल नंबरों के कारण होती हैं।

जब किसी मोबाइल नंबर का उपयोग 90 दिनों तक कॉलिंग SMS या डेटा के लिए नहीं किया जाता तो वह इनएक्टिव हो जाता है। टेलीकॉम कंपनियां (Telecom Companies) ऐसे नंबरों को रीसाइकल करके नए यूजर्स को दे देती हैं। ऐसे में पुराने नंबरों से जुड़े बैंक अकाउंट्स और UPI आईडी के इस्तेमाल से वित्तीय धोखाधड़ी (Financial Fraud) का खतरा बढ़ जाता है।

UPI और बैंकिंग ट्रांजैक्शन पर असर

अगर आपका मोबाइल नंबर बैंकिंग सिस्टम या UPI अकाउंट से लिंक है और वह इनएक्टिव हो जाता है तो बैंक और ऐप्स उसे हटा देंगे। इससे संबंधित बैंकिंग सेवाएं बाधित हो सकती हैं। उदाहरण के तौर पर:

अगर आपका UPI ऐप पुराने इनएक्टिव नंबर से जुड़ा है तो आप ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे।

बैंक OTP भेजेगा लेकिन वह आपको नहीं मिलेगा।

ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) एक्सेस करने में समस्या हो सकती है।

ऑटो-डेबिट (Auto Debit) या ईएमआई भुगतान (EMI Payment) विफल हो सकता है।

हर हफ्ते अपडेट होगी इनएक्टिव नंबरों की लिस्ट

NPCI ने बैंकों और UPI ऐप्स को निर्देश दिया है कि वे इनएक्टिव और रीसाइकिल किए गए नंबरों की लिस्ट को हर हफ्ते अपडेट करें। 1 अप्रैल के बाद जैसे ही कोई नंबर इनएक्टिव घोषित होगा उसे बैंकिंग सिस्टम से हटा दिया जाएगा।

कैसे बचा सकते हैं अपना बैंक अकाउंट और UPI आईडी?

अगर आप चाहते हैं कि आपका बैंक खाता और UPI आईडी बंद न हो तो आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा:

अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का समय-समय पर इस्तेमाल करें।

अगर नंबर बदल रहे हैं तो तुरंत बैंक और UPI ऐप में अपडेट करें।

अपने नंबर को एक्टिव रखने के लिए कम से कम 90 दिनों में एक बार कॉल SMS या इंटरनेट डेटा का उपयोग करें।

बैंक और UPI ऐप्स की ओर से आने वाले अलर्ट्स (Alerts) पर ध्यान दें।

इनएक्टिव नंबरों के कारण धोखाधड़ी का खतरा

रीसाइकिल किए गए नंबरों के कारण कई बार वित्तीय धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं। जब पुराने नंबर किसी नए यूजर को मिल जाते हैं तो उन्हें बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाओं से जुड़े OTP और अलर्ट्स प्राप्त हो सकते हैं। इससे धोखाधड़ी की आशंका बढ़ जाती है।

कई बार साइबर अपराधी (Cyber Criminals) इस तरह की लूपहोल्स (Loopholes) का फायदा उठाकर ट्रांजैक्शन को एक्सेस करने की कोशिश करते हैं। NPCI का यह नया नियम इसी तरह की समस्याओं को रोकने के लिए लागू किया गया है।

बैंक और UPI यूजर्स के लिए जरूरी अलर्ट

यदि आप डिजिटल बैंकिंग और UPI पेमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका मोबाइल नंबर हमेशा एक्टिव रहे।

UPI ट्रांजैक्शन फेल (Transaction Fail) होने से बचने के लिए - अपने नंबर की एक्टिविटी को बनाए रखें।

बैंक OTP और अन्य अलर्ट्स प्राप्त करने के लिए - अपने नंबर को नियमित रूप से इस्तेमाल करें।

डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के लिए - अपना नंबर बदलते ही उसे बैंक और UPI ऐप्स में अपडेट करें।