हरियाणा में बंद हो सकती है बीपीएल कार्ड योजना, सैनी सरकार को चुना लगा रहे इतने लाख लोग, सर्वे में खुली पोल
Haryana BPL Card Scheme: हरियाणा में बीपीएल (BPL) कार्ड धारकों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। हाल ही में हरियाणा विधानसभा में यह मुद्दा उठने के बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जांच अभियान तेज कर दिया गया है। हिसार में भी प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है और अब परिवार पहचान पत्र (PPP) में की जा रही हेराफेरी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे में ऐसे कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं जहां अपात्र लोग गलत तरीके से बीपीएल लाभ ले रहे हैं।
अपात्र लोग कैसे उठा रहे हैं लाभ?
हरियाणा सरकार ने बीपीएल कार्ड उन्हीं परिवारों को जारी किए हैं जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है। लेकिन कई लोग गलत जानकारी देकर खुद को गरीब साबित कर सरकारी योजनाओं का फायदा उठा रहे हैं। सर्वे में सामने आया है कि कुछ लोगों की सालाना आय 5 से 6 लाख रुपये है फिर भी उन्होंने परिवार पहचान पत्र में अपनी आय बेहद कम दर्शाई है।
प्रशासन को चौंकाने वाले कई मामले तब मिले जब टीम ने मौके पर जाकर सच्चाई जानी। जांच में कुछ लोगों के पास 2-3 मंजिला मकान निकले तो कुछ के पास महंगे वाहन और खेतों में बड़ी-बड़ी ढाणियां मिलीं। इसके बावजूद ये लोग सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।
रैंडम सर्वे से खुली पोल
हिसार में प्रशासन अब रैंडम (Random) सर्वे कर रहा है। हर महीने अलग-अलग ब्लॉक से सूची तैयार की जाती है और उसके आधार पर जांच अभियान चलाया जाता है। प्रशासन ने पाया कि कई लोगों ने अपनी संपत्ति और आय को जानबूझकर कम दर्शाया है। कुछ लोगों ने अपने घरों में दिखावे के लिए सिर्फ एक छोटा कमरा छोड़ा हुआ है और बाकी मकान किराए पर चढ़ा रखा है। इस तरह वे सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहे हैं।
सर्वे के दौरान प्रशासन को यह भी पता चला कि कुछ लोगों ने अपने घर का पता किसी और गांव या कस्बे का दिया हुआ है ताकि वे जांच के दायरे से बच सकें। लेकिन अब प्रशासन ने डिजिटल मॉनिटरिंग (Digital Monitoring) को और सख्त कर दिया है जिससे इस तरह की गड़बड़ियों को पकड़ा जा सके।
सरकार को करोड़ों का नुकसान
बीपीएल सूची में अपात्र लोगों के शामिल होने से सरकार को हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। जिन लोगों को वास्तव में सरकारी योजनाओं की जरूरत है वे इस गड़बड़ी की वजह से वंचित रह जाते हैं। सरकारी राशन (Ration) मुफ्त चिकित्सा सुविधा छात्रवृत्ति और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ऐसे लोगों तक नहीं पहुंच पाता जिन्हें इसकी सख्त जरूरत होती है।
फूड एंड सप्लाई विभाग (Food & Supply Department) के अनुसार यदि अपात्र लोगों को हटाकर असली जरूरतमंदों को बीपीएल श्रेणी में शामिल किया जाए तो सरकारी योजनाओं का सही उपयोग हो सकता है।
अब प्रशासन की कार्रवाई शुरू
अब तक प्रशासन ने सैकड़ों अपात्र बीपीएल कार्ड धारकों की सूची तैयार कर ली है। इन लोगों की रिपोर्ट बनाकर एडीसी कार्यालय (ADC Office) को भेज दी गई है। इसके बाद यह रिपोर्ट फूड एंड सप्लाई विभाग को भेजी जाएगी जहां से फाइनल वेरिफिकेशन (Final Verification) के बाद कार्रवाई शुरू होगी।
सूत्रों के अनुसार जल्द ही उन लोगों के बीपीएल कार्ड निरस्त किए जाएंगे जो सरकारी लाभ गलत तरीके से ले रहे हैं। साथ ही ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है जिन्होंने जानबूझकर गलत जानकारी देकर सरकारी योजनाओं का फायदा उठाया है।
हेराफेरी अब होगी मुश्किल
हरियाणा सरकार अब परिवार पहचान पत्र (PPP) में छेड़छाड़ रोकने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है। अब हर व्यक्ति की वित्तीय स्थिति की क्रॉस-वेरिफिकेशन (Cross-Verification) की जाएगी। सरकार ने आधार कार्ड (Aadhar Card) बैंक स्टेटमेंट (Bank Statement) और प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) की जानकारी को परिवार पहचान पत्र से जोड़ने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
इससे यदि कोई व्यक्ति अपनी आय कम दर्शाकर बीपीएल का लाभ ले रहा होगा तो वह तुरंत पकड़ में आ जाएगा। यदि किसी की वास्तविक आय सरकारी मानकों से अधिक होगी तो उसका बीपीएल कार्ड स्वतः निरस्त कर दिया जाएगा।