हरियाणा के इस शहर में नहरबंदी का अलर्ट, 25 दिनों तक बंद रहेगी ये सात प्रमुख नहरें
हरियाणा के सिरसा जिले में जल संकट गहराने वाला है क्योंकि सिंचाई विभाग की फतेहाबाद ब्रांच ने आगामी 25 दिनों की नहरबंदी (Canal Closure) की घोषणा कर दी है। 25 मार्च से 20 अप्रैल तक यह नहरबंदी लागू रहेगी जिससे सिरसा, ऐलनाबाद और नाथूसरी चौपटा समेत विभिन्न क्षेत्रों की जल आपूर्ति प्रभावित होगी। इस फैसले के चलते पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने जल आपूर्ति की राशनिंग (Rationing) की योजना बना ली है ताकि जनता को असुविधा से बचाया जा सके।
सुबह ही मिलेगी पानी की सप्लाई
जल संकट को देखते हुए सिरसा शहर में 16 मार्च से जल आपूर्ति का समय बदल दिया गया है। अब लोगों को दिनभर पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा क्योंकि पानी की सप्लाई सिर्फ सुबह 4:30 बजे से 7:00 बजे तक ही दी जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस फैसले का उद्देश्य जल भंडारण (Water Storage) को नियंत्रित रखना है ताकि लोगों को न्यूनतम परेशानी हो।
क्यों की जा रही है नहरबंदी?
सिंचाई विभाग ने बताया कि यह नहरबंदी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) द्वारा वार्षिक मेंटेनेंस (Annual Maintenance) के तहत की जा रही है। मेंटेनेंस कार्य 25 मार्च से 20 अप्रैल तक चलेगा जिसके दौरान भाखड़ा नहर से पानी की आपूर्ति पूरी तरह से बंद रहेगी। इसके कारण सिरसा जिले की सात प्रमुख डिस्ट्रीब्यूटरी—
मेजर डिस्ट्रीब्यूटरी
बरवाली डिस्ट्रीब्यूटरी
शेरावाली डिस्ट्रीब्यूटरी
गिगोरानी डिस्ट्रीब्यूटरी
कुतियाणा डिस्ट्रीब्यूटरी
बनमंदोरी डिस्ट्रीब्यूटरी
नोहर फीडर में जल संकट उत्पन्न हो सकता है। इन डिस्ट्रीब्यूटरी के माध्यम से सिरसा और आसपास के इलाकों में पानी पहुंचता है।
5 लाख से अधिक आबादी होगी प्रभावित
फतेहाबाद ब्रांच के जरिए सिरसा, ऐलनाबाद और नाथूसरी चौपटा क्षेत्र को पीने का पानी मिलता है। इस नहरबंदी के चलते इन इलाकों की 5 लाख से अधिक आबादी पर असर पड़ेगा। प्रशासन को आशंका है कि 25 मार्च तक सभी जलघरों में पर्याप्त जल भंडारण कर पाना संभव नहीं होगा जिससे लोगों को पानी की कमी और राशनिंग का सामना करना पड़ेगा।
पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट का प्लान
पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के एसडीओ दीपक रेवड़ी ने बताया कि मेजर डिस्ट्रीब्यूटरी में 23 मार्च को पानी की आखिरी बार सप्लाई होगी। उसके बाद 25 मार्च से 20 अप्रैल तक पानी नहीं मिलेगा। विभाग का प्रयास रहेगा कि 23 और 24 मार्च को अधिकतम जल भंडारण (Water Storage) किया जाए जिससे जनता को राहत मिल सके।