डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से जुड़े साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले के बाद लंबे समय से रुके केस के ट्रायल को फिर से शुरू किए जाने की उम्मीद है।
आरोप है कि डेरा सच्चा सौदा के आश्रम में साधुओं को ईश्वर से मिलाने के नाम पर नपुंसक बनाया जा रहा था। याची ने दावा किया कि वह भी इसका शिकार हुआ और उसके शरीर में अजीब बदलाव हुए। इस मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
सीबीआई ने जांच कर निचली अदालत में चार्जशीट पेश की। पंचकूला सीबीआई कोर्ट ने 16 फरवरी 2019 को मामले की केस डायरी और गवाहों के बयानों की कॉपी राम रहीम को देने का आदेश दिया।सीबीआई ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद केस के ट्रायल पर रोक लगा दी गई।
हाईकोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। ट्रायल पर लगी रोक के कारण यह मामला 2019 से लंबित है। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद ट्रायल प्रक्रिया फिर से शुरू होने की संभावना है।
राम रहीम इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहा है। उसे 2017 में दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराया गया था। इसके अलावा 2019 में राम रहीम को एक पत्रकार हत्याकांड में भी दोषी पाया गया।