Expressway: मथुरा और वृंदावन के बीच यातायात को सरल और सुलभ बनाने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे के जरिए न केवल इन धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी गति आएगी। मथुरा और वृंदावन, जो हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल हैं, हर साल लाखों भक्तों और पर्यटकों का स्वागत करते हैं। यहां के प्रसिद्ध मंदिर जैसे बांके बिहारी और द्वारकाधीश मंदिर लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं। अब, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के जरिए इन धार्मिक स्थलों का पहुंच आसान और तेज हो जाएगा।
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली एनसीआर, फरीदाबाद और वृंदावन को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग साबित होगा। इसके माध्यम से यात्रा का समय कम होगा और यातायात की समस्या में भी सुधार आएगा। मथुरा की ब्रिज क्षेत्र को सहेजने के लिए इस मार्ग के किनारे एक सांस्कृतिक क्षेत्र का निर्माण किया जाएगा। इस कदम से मथुरा की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेसवे के साथ-साथ एलिवेटेड रोड और केबल ब्रिज जैसी सुविधाएं भी जोड़ने से यातायात अधिक आसान करेगा।
यह एक्सप्रेसवे 102.1 किलोमीटर लंबा होगा, जो पहले 101 किलोमीटर था। इस मार्ग से यमुना एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग 44 को जोड़ा जाएगा, जिससे मथुरा-वृंदावन की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। एक्सप्रेसवे के आखिरी हिस्से में डूब क्षेत्र के कारण यहां एलिवेटेड रोड बनाए जाएंगे, जो यमुना नदी पर बन रहे पुल से जुड़ेंगे।वृंदावन के प्रवेश द्वार पर भगवान श्री कृष्ण और बलराम की 20 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी, जो इस क्षेत्र की धार्मिक अहमियत को दर्शाएगी।
इसके अलावा, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का भी कांसेप्ट है, जो मथुरा और वृंदावन के आसपास के इलाकों को पर्यटन के लिहाज से और आकर्षक बनाएगा। इस क्षेत्र में पर्यटकों के लिए विभिन्न सुविधाएं और सुविधाजनक मार्ग होंगे। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 14 किलोमीटर होगी। इसमें से 7 किलोमीटर यमुना के एक तरफ और 7 किलोमीटर दूसरी तरफ होगा। इसमें 21 मीटर चौड़ा केबल ब्रिज और 60 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसकी अनुमानित लागत करीब 400 करोड़ रुपये है