दिल्ली से यूपी जाने वालों के लिए खुशखबरी, जल्द खुलेगा 212KM लंबा ये नया हाईवे

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दिल्ली से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की ओर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा विकसित किया जा रहा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे जल्द ही जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस हाईवे के शुरू होने से दिल्ली से देहरादून का सफर केवल 2.5 से 3 घंटे में पूरा किया जा सकेगा जो वर्तमान में लगभग 5 से 6 घंटे तक लगता है। इतना ही नहीं दिल्ली बॉर्डर तक पहुंचने में अब मात्र 10 मिनट का समय लगेगा जिससे लोगों का बहुमूल्य समय बचेगा और ट्रैफिक (traffic) जाम से राहत मिलेगी।

एक्सप्रेसवे चार चरणों में होगा तैयार

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण चार चरणों में किया जा रहा है। इस हाईवे की कुल लंबाई 212 किलोमीटर होगी जिसे आधुनिक तकनीक और हाई-क्वालिटी (high-quality) मानकों के अनुसार विकसित किया जा रहा है। इसके निर्माण में ग्रीनफील्ड अलाइनमेंट (Greenfield Alignment) अपनाया गया है जिससे यह सड़क यात्रा को सुगम और तेज बनाएगा।

इस एक्सप्रेसवे की एक खासियत यह भी है कि यह नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) के कई महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ेगा जिससे लोगों की रोजमर्रा की यात्रा भी अधिक सुविधाजनक हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत कई फ्लाईओवर (flyovers) ब्रिज (bridges) और टनल (tunnels) भी बनाए जा रहे हैं जिससे हाईवे पर ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं होगी।

मार्च 2025 तक खुलेगा पहला चरण

NHAI के अनुसार इस एक्सप्रेसवे के पहले चरण का निर्माण तेजी से किया जा रहा है और इसे मार्च 2025 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इसका सीधा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो रोज़ाना दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा करते हैं। व्यापार और टूरिज्म (tourism) के लिहाज से भी यह प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण साबित होगा क्योंकि इससे दिल्ली मेरठ हरिद्वार और देहरादून के बीच आवागमन सुगम हो जाएगा।

इस हाईवे के बन जाने से दिल्ली से हरिद्वार मात्र 2 घंटे में और देहरादून 2.5 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। अभी इन शहरों तक पहुंचने में 5 से 7 घंटे का समय लगता है जो नए एक्सप्रेसवे के खुलने के बाद आधा रह जाएगा।

ग्रीन हाईवे का नया उदाहरण

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे भारत में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway) की अवधारणा का एक बेहतरीन उदाहरण होगा। इस हाईवे के किनारे हजारों पेड़ लगाए जाएंगे जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल रहेगा। इसके अलावा हाईवे के किनारे सोलर एनर्जी (solar energy) पैनल भी लगाए जाएंगे जिससे सड़क पर रोशनी की व्यवस्था प्राकृतिक ऊर्जा से हो सकेगी।

NHAI का दावा है कि इस हाईवे पर अत्याधुनिक स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (smart traffic management system) लगाया जाएगा जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध हो सकेगी। इसके अलावा हाईवे पर इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे जिससे इलेक्ट्रिक कार (electric cars) चलाने वालों को भी सुविधा मिलेगी।

निर्माण में आ रही चुनौतियां

इस हाईवे के निर्माण के दौरान कुछ चुनौतियां भी सामने आ रही हैं जिनमें भूमि अधिग्रहण (land acquisition) पर्यावरणीय स्वीकृति और निर्माण लागत शामिल हैं। हालांकि सरकार और NHAI की टीम इन चुनौतियों से निपटने के लिए तेजी से काम कर रही है। अधिकारियों के अनुसार इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तय समयसीमा के अनुसार ही पूरा किया जाएगा।

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