Haryana Budget 2025: हरियाणा में 2 लाख 5 करोड़ का बजट पेश, देखें कौनसे विभाग को कितना मिला है पैसा?

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हरियाणा विधानसभा (Haryana Vidhan Sabha) के बजट सत्र में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Nayab Singh Saini) ने बतौर वित्त मंत्री (Finance Minister) वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ₹2,05,017.29 करोड़ का बजट पेश कर दिया। यह पिछले साल के ₹1,80,313.57 करोड़ के बजट से 13.7% ज्यादा है। बजट में सबसे खास बात यह रही कि सरकार ने इस साल भी कोई नया टैक्स (Tax) नहीं लगाया है। इसका मतलब यह हुआ कि जनता पर किसी तरह का अतिरिक्त भार नहीं आएगा। मुख्यमंत्री सैनी ने इस बजट को हरियाणा के हर वर्ग की प्राथमिकताओं और आकांक्षाओं का प्रतिबिंब (Reflection) बताया।

बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014-15 में हरियाणा का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 4,37,145 करोड़ रुपये था, जबकि वर्ष 2024-25 में हरियाणा की अनुमानित जीडीपी 12,13,951 करोड़ रुपये है। इसी प्रकार, वर्ष 2014-15 में हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय 1,47,382 रुपये थी, जबकि वर्ष 2024-25 में अनुमानित प्रति व्यक्ति आय 3,53,182 रुपये है।उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में राज्य की जीडीपी औसतन 10.8 प्रतिशत और प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय औसतन 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।

राजस्व घाटे में पिछले 10 वर्षों में आई कमी

नायब सिंह सैनी ने कहा कि वर्ष 2014-15 में हरियाणा के बजट में राजस्व घाटा तत्कालीन जीडीपी का 1.90 प्रतिशत था। वर्ष 2024-25 में राजस्व घाटा जीडीपी का 1.47 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसी प्रकार यदि राजस्व घाटे को कुल बजट के प्रतिशत के रूप में देखें तो यह 2014-15 के 13.4 प्रतिशत से कम होकर 2024-25 में 9.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। राजस्व घाटे में पिछले 10 वर्षों में काफी कमी आई है।

वर्ष 2025-26 बजट अनुमान में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 2.67 प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य

वित्त मंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वर्ष 2014-15 में हरियाणा के बजट में राजकोषीय घाटा तत्कालीन जीडीपी का 2.88 प्रतिशत था। वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 2.68 प्रतिशत रहने का अनुमान है। राजकोषीय उत्तरदायित्व तथा बजट प्रबन्धन अधिनियम (एफआरबीएम) एक्ट के अनुसार किसी भी वर्ष किसी भी राज्य सरकार का राजकोषीय घाटा उस राज्य की उस वर्ष की जीडीपी के 3 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। अतः इसमें 2014-15 के 2.88 प्रतिशत के मुकाबले अब 2.68 प्रतिशत तक की गिरावट हमारे कुशल वित्तीय प्रबंधन का परिचायक है। वर्ष 2025-26 के बजट अनुमान में इसे और कम करते हुए जीडीपी के 2.67 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में पूंजीगत परिसंपत्तियों के सृजन पर बहुत बल दिया है। उन्होंने तुलनात्मक आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि वर्ष 2014-15 में प्रभावी राजस्व घाटा जीडीपी का 1.89 प्रतिशत था, जो वर्ष 2024-25 में कम होकर केवल 1.01 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

बकाया ऋण निर्धारित सीमा के अंदर

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी वर्ष किसी भी राज्य का बकाया ऋण उस राज्य की जीडीपी के प्रतिशत की एक निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए। वर्ष 2014-15 में हरियाणा सरकार के बकाया ऋण की जीडीपी की प्रतिशतता उस समय के वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा से 6.67 प्रतिशत बिंदु कम थी। वर्ष 2024-25 में भी सरकार के बकाया ऋण की जीडीपी की प्रतिशतता वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सीमा से 6.67 प्रतिशत बिंदु ही कम रहेगी। स्पष्टतः आज के बकाया ऋण की प्रतिशतता निर्धारित सीमा से उतने ही प्रतिशत कम है जितनी यह वर्ष 2014-15 में था।

पिछले 10 वर्षों में सरकारी उपक्रमों द्वारा लिए गए ऋण में नहीं हुई बढ़ोत्तरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के उपक्रमों द्वारा लिए गए ऋण, जिन्हें सरकार के ऋण के आंकड़ों में शामिल नहीं किया जाता, में इन 10 वर्षों में एक भी रुपये की बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के कुल 43 उपक्रम हैं। इनमें से 24 उपक्रम कम्पनी एक्ट में व 19 उपक्रम कॉपरेटिव सोसाईटीज एक्ट में पंजीकृत हैं। इन 43 उपक्रमों का वर्ष 2014-15 में कुल बकाया ऋण 69,922 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2023-24 में घटकर 68,295 करोड़ रुपये रह गया है। गौरतलब है कि वर्ष 2008-09 में इन सरकारी उपक्रमों का बकाया ऋण 30,233 करोड़ रुपये था।

सरकारी उपक्रमों का बकाया ऋण 1627 करोड़ रुपये कम हुआ

नायब सिंह सैनी ने बताया कि जहाँ एक ओर 2008-09 से लेकर 2014-15 के बीच  6 वर्षों में सरकारी उपक्रमों का बकाया ऋण 30,233 करोड़ रुपये से बढ़कर 69,922 करोड़ रुपये हो गया था, वहीं 2014-15 से लेकर 2023-24 के बीच की 9 वर्षों की अवधि में सरकारी उपक्रमों का बकाया ऋण बढ़ने की बजाए 1627 करोड़ रुपये कम हुआ है। हमारी सरकार ने पिछले 10 वर्षो में सरकारी उपक्रमों के ऋणों पर जबरदस्त नकेल कसी है।

उन्होंने कहा कि उदय स्कीम के अंतर्गत बिजली निगमों के 25,950 करोड़ रुपये के ऋण वर्ष 2015-16 व 2016-17 में हरियाणा सरकार द्वारा अपने खाते में ले लिए गए। एचएसआईआईडीसी और एचएसवीपी की कार्य प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन किए गए। वर्ष 2023-24 के वास्तविक अनुमानों के हिसाब से 43 उपक्रमों में से 28 उपक्रम लाभ में हैं, जिन्होंने 1746 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। वर्ष 2014-15 में केवल 20 ही उपक्रम लाभ में थे, जिनका लाभ मात्र 450 करोड़ रुपये था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रत्येक हरियाणवी परिवार को खुशहाल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी।