Jewar Airport: ग्रेटर नोएडा के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का कार्गो टर्मिनल देश के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण हवाई माल परिवहन केंद्रों में से एक बनने जा रहा है। यह एयरपोर्ट केवल यात्रियों के लिए नहीं, बल्कि माल और व्यापार के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भी ज्यादा कार्गो माल अब जेवर एयरपोर्ट से ट्रांसफर होगा।
जेवर एयरपोर्ट का कार्गो टर्मिनल
जेवर एयरपोर्ट का कार्गो टर्मिनल क्षेत्रीय व्यापारियों के लिए एक गेम चेंजर साबित होने वाला है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में जानकारी दी। उनके अनुसार, पहले दिन ही जेवर एयरपोर्ट से 0.5 मीट्रिक टन माल विदेश के लिए उड़ान भरने वाला है। तीन साल के भीतर, एयरपोर्ट की कार्गो क्षमता 1.0 मीट्रिक टन तक बढ़ जाएगी।
व्यापारियों को मिलेगा सीधा फायदा
जेवर एयरपोर्ट का कार्गो टर्मिनल पश्चिमी उत्तर प्रदेश और खासकर गौतमबुद्ध नगर के व्यापारियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। वर्तमान में, कई उद्योग जैसे फूड, गारमेंट्स और मिल्क प्रोडक्शन कंपनियां दिल्ली एयरपोर्ट पर निर्भर रहती हैं। लेकिन, अब जेवर एयरपोर्ट से ये कंपनियां अपने माल का निर्यात आसानी से कर सकेंगी, जिससे समय और लागत दोनों में बचत होगी। इसके अलावा, यह सुविधा करीब 20 जिलों के व्यापारियों तक पहुंचेगी, जो अपनी सप्लाई चेन को सशक्त बना सकेंगे।
जेवर एयरपोर्ट का भविष्य
आगे चलकर, जब जेवर एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या 12 मिलियन तक पहुंच जाएगी, तो कार्गो टर्मिनल की क्षमता बढ़कर 2.5 मीट्रिक टन हो जाएगी। इस प्रकार, यह एयरपोर्ट दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बराबर पहुंच जाएगा। अंततः, कार्गो टर्मिनल की क्षमता बढ़कर 11 मीट्रिक टन तक जा सकती है, जो इसे देश का सबसे बड़ा कार्गो हब बना देगा। इस विस्तार से व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा और उत्तर भारत में व्यापार का एक नया केंद्र बनेगा।