New Expressway: राजस्थान में बनेगा 342 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे, ब्यावर से भरतपुर तक तेज़ी से पहुंचेगा हर कोई
राजस्थान में गाड़ी की स्पीड बढ़ाने के लिए अब कोई रोक-टोक नहीं होने वाली। ब्यावर से लेकर भरतपुर तक का रास्ता अब बहुत जल्दी पार किया जा सकेगा क्योंकि राज्य सरकार ने 342 किलोमीटर लंबा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने का ऐलान किया है। जी हां ये नया एक्सप्रेस-वे राज्य की कनेक्टिविटी को बिल्कुल नई दिशा देने वाला है। पिछली बार के बजट में इस प्रोजेक्ट का ऐलान हुआ था और अब इस पर काम शुरू हो गया है। हां यह काम पूरा होने में थोड़ी देर हो सकती है लेकिन यकीन मानिए आने वाले दो साल में यह रास्ता किसी सर्किट रेस से कम नहीं होने वाला!
कहां से कहां जाएगा यह एक्सप्रेस-वे?
इस एक्सप्रेस-वे की शुरुआत ब्यावर से होगी और अंत भरतपुर तक होगा। कुल मिलाकर इसे 342 किलोमीटर तक बनाया जाएगा। जो लोग अभी तक 370 किलोमीटर की दूरी तय करने में 7-8 घंटे निकाल लेते थे उनके लिए यह एक्सप्रेस-वे गेम चेंजर साबित होने वाला है। अब इस नए एक्सप्रेस-वे के बनने से यात्रा का समय तो कम होगा ही साथ ही गाड़ी की स्पीड भी बिना किसी रुकावट के बढ़ाई जा सकेगी। अगर आप किसी के साथ बैठकर यात्रा करेंगे तो मस्ती भी दोगुनी हो जाएगी। इसके साथ ही रास्ते में कई ऐसे नए रूट जोड़े जाएंगे जहां पहले कनेक्टिविटी नहीं थी। यानी एक पूरा नया रास्ता तैयार हो रहा है जो शहरों से दूर और मैदानों के बीच से गुजरता हुआ होगा।
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का क्या है मामला?
अब ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का मतलब क्या है? थोड़ा सा समझिए। ग्रीन फील्ड का मतलब होता है ऐसा रास्ता जो बिल्कुल नये इलाके में बनाया जाए यानी खेतों या मैदानों के बीच से। इसका एक फायदा यह होगा कि कम आबादी वाले इलाकों से गुजरने के कारण सड़क पर ट्रैफिक कम रहेगा और गाड़ी की गति पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे में घुमाव कम होंगे और रास्ता ज्यादा सीधा होगा ताकि गाड़ी की स्पीड बन सके। साथ ही जहां पहले से कोई कनेक्टिविटी नहीं थी वहां नया रास्ता खुल जाएगा जिससे व्यापार पर्यटन और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
रूट और लागत की डिटेल्स जानिए
इस एक्सप्रेस-वे का रूट गुलाबपुरा केकड़ी टोडारायसिंह उनियारा टोंक निवाई और भरतपुर होते हुए जाएगा। अब आइए इस एक्सप्रेस-वे के खर्चे पर बात करते हैं। इस पूरी परियोजना पर लगभग 14010 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह प्रोजेक्ट इतना बड़ा है कि इसमें 3175 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी और इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम भी शुरू हो चुका है। यही नहीं इस रास्ते में केवल निर्धारित कट के अलावा और कोई वाहन नहीं आ पाएगा। यानी कोई भी वाहन जो इस एक्सप्रेस-वे पर नहीं चलेगा उसे सीधे ही बाहर कर दिया जाएगा!
एनएचएआई को मिली जिम्मेदारी
यह प्रोजेक्ट नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के पास है और उनकी जिम्मेदारी है इस एक्सप्रेस-वे का डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार करना। डीपीआर के लिए 18 महीने का समय दिया गया है यानी अगले डेढ़ साल में सारी तैयारियां पूरी हो जाएंगी। इसके बाद इस रोड का निर्माण कार्य शुरू होगा। हालांकि अभी तक यह तय नहीं हो सका है कि ब्यावर में यह एक्सप्रेस-वे कहां से शुरू होगा लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इसका भी ऐलान कर दिया जाएगा।
राज्य सरकार का इस पर जोर
राज्य सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे को लेकर काफी जोर दिया है। पिछले साल राज्य के बजट में ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना को मंजूरी दी गई थी। इस बार के बजट में भी कई अन्य सड़क परियोजनाओं को लेकर योजनाएं बनी हैं जिनमें फ्लाईओवर बायपास रोड एलिवेटेड रोड और नए पुलों का निर्माण भी शामिल है। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से राजस्थान में सड़क मार्ग की कनेक्टिविटी और ज्यादा मजबूत होगी और लोग जल्दी अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।