Noida Airport: जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र में औद्योगिक सेक्टरों को विकसित करने की तैयारी तेज हो गई है। इस क्षेत्र में नए औद्योगिक सेक्टर विकसित करने के लिए किसानों से सीधे जमीन खरीदी जाएगी। यह कदम क्षेत्र के अस्तौली, अमरपुर, अटाई मुरादपुर, सुनपुरा और धूममानिकपुर जैसे गांवों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
नोएडा एयरपोर्ट से औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण अगले साल तक पूरा हो जाएगा, और इसके बाद हवाई जहाजों की उड़ानें शुरू हो जाएंगी। एयरपोर्ट के शुरू होने से न केवल यात्री परिवहन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि जिले में औद्योगिक निवेश की संभावनाएं भी तेजी से बढ़ेंगी। Noida Airport
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन जमीन की कमी एक बड़ी चुनौती बन रही थी। इस समस्या का समाधान करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एयरपोर्ट से सटे गांवों में औद्योगिक सेक्टर विकसित करने की योजना बनाई है।
औद्योगिक सेक्टरों के लिए जमीन खरीदी जा रही है
प्राधिकरण अब इन गांवों में जमीन खरीदने के लिए सीधे किसानों से संपर्क कर रहा है। इस क्षेत्र में 130 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे औद्योगिक सेक्टर विकसित किए जाएंगे। इसके लिए किसानों से जमीन खरीदने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
सीईओ रवि कुमार एनजी ने इस परियोजना को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं और जमीन के सर्वेक्षण का काम भी शुरू कर दिया गया है।
किसानों की मांग Noida Airport
हालांकि, किसानों से भूमि अधिग्रहण में एक बड़ी चुनौती सामने आई है। किसान प्राधिकरण द्वारा दी जा रही दर (4125 रुपये प्रति वर्ग मीटर) को बाजार दर से काफी कम मानते हैं।
स्थानीय बाजार में जमीन की दर 15,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच चुकी है, और किसान इसे लेकर मुआवजे की बढ़ी हुई राशि की मांग कर रहे हैं। हाल ही में प्राधिकरण ने किसानों से मुलाकात के लिए कैंप भी लगाए थे, लेकिन यह प्रयास अब तक सफल नहीं हो पाया है।
जमीन खरीदने की योजना
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का लक्ष्य करीब 500 हेक्टेयर जमीन खरीदने का है, ताकि आगामी औद्योगिक और संस्थागत परियोजनाओं के लिए लैंडबैंक तैयार किया जा सके। इन परियोजनाओं में एयरपोर्ट के आस-पास औद्योगिक सेक्टरों का विकास शामिल होगा।
इस प्रक्रिया को जल्द ही लॉन्च करने के लिए शासन से औद्योगिक जमीन आवंटन की नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।