Haryana News : हरियाणा के सोनीपत जिले में एक व्यापारी ने आत्महत्या कर ली। व्यापारी ने मरने से पहले सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या की वजह बताई। व्यापारी ने फाइनेंसरों से तंग आकर सुसाइड कर लिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भेज दिया।
जानकारी अनुसार मृतक दुकानदार की पहचान अनिल शर्मा के तौर पर हुई है। उसकी सोनीपत के कच्चे क्वार्टर मार्केट में ट्रेडिंग की दुकान थी। अनिल ने गुरुवार को फंखे पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों को सूचना मिली तो हा हाकर मच गया।
कुछ देर में ही व्यापारी एकत्रित हो गए। पुलिस को सूचना दी गई। इस बीच पता चला कि अनिल को फाइनेंसर तंग कर रहे थे। इसके बाद व्यापारी एकत्रित होकर फाइनेंसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए थाना सिविल लाइन पहुंचे।
सुसाइड नोट में लिखा- मैंने किसी का बुरा नहीं चाहा
व्यापारी अनिल ने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं पूरे होशोहवास में यह सब लिख रहा हूं। मैंने अपने जीवन में पूरी ईमानदारी के साथ काम किया। कभी किसी का बुरा नहीं चाहा। मैंने आज से कुछ समय पहले अपना ट्रेडिंग का काम शुरू किया था।
उसमें कुछ लोगों से पेमेंट लेकर उसको बिजनेस में लगा दिया। मैं प्रॉफिट देता था और सब कुछ बहुत बढ़िया चल रहा था। कुछ पैसा और प्रॉफिट भी कमाता था। लेकिन किसी वजह से मेरे बिजनेस में मुझे बहुत नुकसान हो गया।
अब मैं लोगों का पैसा नहीं दे पा रहा हूं। कुछ लोगों ने मुझे धमकी दी है कि अगर पैसा नहीं देगा तो तेरी बीवी-बच्चों का किडनैप करवा देंगे और तेरे सारे परिवार को मरवा देंगे। मुझ पर इन लोगों ने बहुत प्रेशर डाला है पेमेंट के लिए।
मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं। उनके लिए आत्महत्या कर रहा हूं। मैं जिल्लत की जिंदगी नहीं जी सकता, इसलिए अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहा हूं। कुछ लोगों के पास मेरे ब्लैंक चेक भी हैं, जिस पर मेरे साइन हैं।
अब मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं। मेरे जीवन में मुझे इस बात का दुख है कि मैं लोगों से जब पैसा लिया था तो उसे समय पर देने का वादा किया था, अब मैं पैसा देने में असमर्थ हूं। पैसा देने के लिए समय मांग रहा हूं, वह समय नहीं दे रहे और धमकी दे रहे हैं कि परिवार को जान से मारने की। मेरी प्रशासन से प्रार्थना है कि मेरे बाद मेरे परिवार को सुरक्षा दी जाए।
सुसाइड नोट में परिवार के कुछ लोगों के नाम लिख कर कहा है कि मुझे माफ करना, अपना ख्याल रखना, मम्मी का भी ध्यान रखना। इस घटना में मेरे परिवार का कोई दोष नहीं है। मेरे परिवार को कोई लेना-देना नहीं है।
मैं लोगों का पैसा नहीं दे पाया। कुछ लोगों को बताया कि मेरे पैसे का लॉस हो गया है, मुझे समय चाहिए, मैं पेमेंट दे दूंगा, लेकिन कुछ लोग नहीं माने। इस पर अड़ गए कि हमें तो हमारा पैसा चाहिए। जहां से मर्जी लेकर आ।
मेरे पास जितनी भी एफडी थी और जितना भी गोल्ड था, मैंने सारा बेचकर जितना भी रुपया था, सारा का सारा पैसा लोगों को दे दिया। अब मेरे पास कुछ नहीं बचा। बैंक बैलेंस भी सारे खत्म हो गए। अब मेरे पास कुछ भी नहीं है।