आज लगभग हर कोई क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करता है। ब्याज मुक्त क्रेडिट अवधि, रिवॉर्ड पॉइंट, कैशबैक और अन्य ऑफर के कारण यह बहुत लोकप्रिय है। क्रेडिट कार्ड से आप न केवल शॉपिंग कर सकते हैं बल्कि ज़रूरत पड़ने पर कैश भी निकाल सकते हैं। अगर आपके बैंक खाते में पैसे नहीं हैं, तो क्रेडिट कार्ड आपकी मदद कर सकता है।
आप अपना काम निपटा लेते हैं और लोन की रकम चुकाकर कर्ज मुक्त हो जाते हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या क्रेडिट कार्ड से कैश निकालना सही है? इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह जान लेते हैं कि क्रेडिट कार्ड से आप कितना कैश निकाल सकते हैं। कार्ड से आप कितना पैसा निकाल सकते हैं, यह आपकी क्रेडिट लिमिट पर निर्भर करता है। क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने की लिमिट हर यूजर के लिए अलग-अलग हो सकती है। यह कार्ड की कुल क्रेडिट लिमिट के आधार पर तय होती है।
ज़्यादातर बैंक कुल क्रेडिट कार्ड लिमिट का 20 से 40 प्रतिशत निकालने की अनुमति देते हैं। क्या कैश निकालना फ़ायदेमंद सौदा है? बिल्कुल नहीं। क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने के फ़ायदे से ज़्यादा नुकसान हैं। इसका फ़ायदा सिर्फ़ इतना है कि इमरजेंसी में आपकी कैश की ज़रूरतें पूरी हो जाती हैं। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने का कोई फायदा नहीं है।
इसकी वजह यह है कि क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने पर आपको न तो ब्याज मुक्त लोन चुकाने का समय मिलता है और न ही रिवॉर्ड पॉइंट मिलते हैं। काफी मात्रा में ब्याज भी लगता है।
फीस और ब्याज
एचडीएफसी बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, क्रेडिट कार्ड से हर बार कैश निकालने पर फीस लगती है। आमतौर पर यह ट्रांजैक्शन की रकम का 2.5% से 3% तक होता है। कैश निकालने पर ट्रांजैक्शन फीस भी लगती है। यह फीस ट्रांजैक्शन की तारीख से लेकर पेमेंट होने तक लगती है।
क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने के दिन से ही ब्याज लगना शुरू हो जाता है। यह 2.5% से 3.5% की मासिक दर से लगता है। आम ट्रांजैक्शन से अलग कैश निकालने पर कोई ब्याज मुक्त अवधि नहीं होती। ट्रांजैक्शन के दिन से लेकर पूरी रकम चुकाने तक ब्याज लगता है।
आपको एटीएम चार्ज देना पड़ सकता है
आजकल बैंक कुछ ही एटीएम ट्रांजैक्शन मुफ्त देते हैं। ज्यादा ट्रांजैक्शन पर फीस लगती है। इसलिए, अगर आप ज़्यादातर बार कैश निकालने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको एटीएम शुल्क भी देना पड़ सकता है।
देरी से भुगतान शुल्क
अगर आप क्रेडिट कार्ड से निकाली गई पूरी रकम का भुगतान नहीं करते हैं, तो बकाया राशि पर देरी से भुगतान शुल्क लगाया जाता है। इस शुल्क की दर 15 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक हो सकती है।