Free Ration fraud : सरकार लोगो को राहत देने के लिए योजना शुरू करती है लेकिन कुछ इसका फायदा जरुरत पूरी करने के लिए नहीं बल्कि पैसा कमाने के लिए लेते है , एक हालिया जांच में खुलासा हुआ है कि मुफ्त राशन वितरण योजना का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा है। आधार कार्ड से जुड़े आंकड़ों के मिलान के बाद यह पता चला है कि कई ऐसे लोग मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं जो इसके पात्र नहीं हैं। इनमें से कई लोग तो ऐसे हैं जिन्होंने लाखों रुपये का धान और गेहूं बेचा है।
आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक कोटेदार को 10 से 20 हजार ऐसे किसानों की सूची मिली है जो मुफ्त राशन के लिए पात्र नहीं हैं, लेकिन फिर भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। इनमें से अधिकांश किसानों के पास पांच एकड़ से अधिक जमीन है या फिर वे आयकरदाता हैं। कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां विधवा पेंशन लेने वाली महिलाओं के पति भी राशन कार्ड में जीवित दिखाए गए हैं।
आधार कार्ड ने खोला खेल
आधार कार्ड को मोबाइल नंबर और बैंक खाते से लिंक करने से यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां लोगों ने गलत तरीके से मुफ्त राशन का लाभ उठाया है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश मामलों में किसानों के आधार कार्ड का दुरुपयोग कर धान या गेहूं बेचा गया है।
बिचौलियों और राइस मिलरों की मिलीभगत
इस पूरे घोटाले के पीछे धान खरीदने वाले बिचौलियों और कुछ राइस मिलरों की मिलीभगत मानी जा रही है। इन लोगों ने किसानों के आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर उनकी जमीन को अधिक दिखाया और फिर धान बेचा।
कड़े कदम उठा रही सरकार
आपूर्ति विभाग ने इस मामले में कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। विभाग ने सभी कोटेदारों को एक सूची भेजी है जिसमें उन लोगों के नाम शामिल हैं जो मुफ्त राशन के लिए पात्र नहीं हैं। विभाग इन लोगों के राशन कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया में है।
जिला पूर्ति अधिकारी का कहना
जिला पूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि विभाग इस मामले में गंभीर है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग ने पात्रता की शर्तों के विपरीत मुफ्त राशन लेने वालों की एक सूची कोटेदारों को भेजी है। विभाग के स्तर पर भी सत्यापन किया जा रहा है।