Haryana: सिरसा के गांव रूपावास में किसान की बेटी नैवी की ट्रैनिंग लेकर लौटी, ग्रामीणों ने जोरों शोरों से किया स्वागत

Haryana: सिरसा के गांव रूपावास में किसान की बेटी नैवी की ट्रैनिंग लेकर लौटी, ग्रामीणों ने जोरों शोरों से किया स्वागत

Haryana News : गाँव के बच्चों में भी प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है, उन्हें सही दशा व दिशा देने की। लक्ष्य कोई भी हो कभी मुश्किल नहीं होता। बशर्ते लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी तोड़ मेहनत व लगन से प्रयास किया जाए। अभिभावक लड़कियों को उनकी रूचि के अनुसार आगे बढऩे के लिए लगातार प्रेरित करें।

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Haryana: सिरसा के गांव रूपावास में किसान की बेटी नैवी की ट्रैनिंग लेकर लौटी, ग्रामीणों ने जोरों शोरों से किया स्वागत

गांव रूपावास निवासी नैया पूनियां पुत्री राजेश पूनियां ने नैवी में 6 माह की ट्रैनिंग पूरी करने के बाद गांव लौटने पर ग्रामीणों द्वारा किए जोरदार स्वागत के बाद उपस्थित ग्रामीणों से कही।

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ग्राम पंचायत रूपावास से सरपंच उदयपाल, समाज सेवी जगदीश रूपावास, बुधराम जैवलिया, प्रगति युवा मंचसे रोहतास पूनियां सहित समस्त ग्राम वासियों द्वारा ढोल-नगाड़ों के साथ नैया का पूरे गांव में स्वागत किया गया। बेटी के सम्मान में पूरे गांव को समर्पित देखकर अभिभावकों की भी आंखें नम हो गई। अभिभावकों ने नम आंखों से कहा कि उनकी मेहनत सफल हो गई और बेटी ने उनका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

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नैया पूनियां ने कहा कि उसका शुरू से ही सपना था कि मैं डिफेंस में जाऊं। स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान अध्यापकों व अभिभावकों ने भी उसके सपने को पूरा करने के लिए लगातार प्रेरित किया। उनकी प्रेरणा से ही आज वो इस मुकाम को हासिल कर पाई है।

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ट्रैनिंग सैशन के बारे में नैया पूनियां ने बताया कि ट्रैनिंग के दौरान वहां का शैड्यूल, नियम काफी मुश्किल थे, लेकिन धीरे-धीरे कर सब आसान हो गया। उन्होंने कहा कि गांव पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा जिस तरह से स्वागत किया गया, उसे अपने आप पर गर्व हुआ कि उसने अभिभावकों की मेहनत व प्रेरणा को मेहनत से संजोकर अपने सपने को पंख लगाने का काम किया। हर अभिभावक का सपना होता है कि उसके बच्चे अपनी मेहनत से उनका मान बढ़ाए।

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उन्होंने लड़कियों को अपने संदेश में कहा कि वो मेहनत करें और एक लक्ष्य निर्धारित कर समर्पित भाव से उस लक्ष्य को पाने का प्रयास करें। अभिभावक भी अपनी बेटियों को आगे बढऩे के लिए प्रेरित करें। उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि वो समाज में अपनी पहचान बना सकें।
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