हरियाणा के गोहाना शहर में एक ऐसी जलेबी मिलती है, जिसका स्वाद इतना लाजवाब है कि लोग इसे खाने के लिए दूर-दूर से आते हैं। इस जलेबी की खासियत है इसका बड़ा आकार और कुरकुरापन। एक जलेबी का वजन लगभग 250 ग्राम होता है, जो इसे आम जलेबियों से काफी अलग बनाती है।
जलेबी का इतिहास
गोहाना की जलेबी का इतिहास लगभग 50 साल पुराना है। लाला मातूराम, जिन्हें “जलेबी बाबा” के नाम से भी जाना जाता है, ने 1958 में गोहाना में अपनी पहली जलेबी की दुकान खोली थी। तब से, मातूराम परिवार तीन पीढ़ियों से, पारंपरिक विधि से जलेबी बना रहा है, और स्वाद और गुणवत्ता को बनाए रखे हुए है।
स्वाद और खासियत
मातूराम की जलेबी, बाहर से करारी और अंदर से नरम होती है। यह विशेष बनावट, इसे अन्य जलेबियों से अलग करती है। इन जलेबियों को शुद्ध देसी घी में बनाया जाता है, जो इनमें अनोखा स्वाद और सुगंध पैदा करता है। मातूराम की जलेबियों में किसी भी तरह का रंग या रसायन नहीं डाला जाता है। यह प्राकृतिक स्वाद और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बनाई जाती हैं।
गोहाना की जलेबी, केवल हरियाणा में ही नहीं, बल्कि पूरे देश और विदेशों में भी प्रसिद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई बड़े नेता इन जलेबियों का स्वाद चख चुके हैं।
कीमत
एक किलो जलेबी में लगभग चार जलेबियां होती हैं और इसकी कीमत लगभग 300 रुपये है।
कहां मिलेगी
मातूराम की जलेबी की दुकान, गोहाना पुरानी तहसील के सामने स्थित है। आप इन जलेबियों को ऑनलाइन भी ऑर्डर कर सकते हैं।
गोहाना की जलेबी एक ऐसा स्वाद है जिसे एक बार चखने के बाद आप भूल नहीं पाएंगे। अगर आप कभी हरियाणा जाते हैं, तो गोहाना की जलेबी जरूर चखें।