Haryana News : धान की पराली जलाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। हरियाणा प्रदेश में पराली जलाने से रोकने के लिए कृषि विभाग की टीम ने कड़े प्रबंध किए। इसके बाद भी पराली जलाने के मामले हर जिले से आते रहे। अब पराली जलाने से रोकने में विफल रहने पर 30 अफसरों पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे।
जानकारी के अनुसार इस मामले में सीएक्यूएम की धारा 14 के तहत कार्रवाई की सिफारिश। अभी तक 580 एफआईआर 725 चालान और 1218 किसानों के दस्तावेजों में रेड एंट्री। पराली जलाने के मामलों में फिलहाल 12 नोडल अधिकारी निलंबित चल रहे हैं जबकि 4 अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।Haryana News :
गैर संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आने वाली धारा 14 के तहत दोषी पाए जाने पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना, 5 वर्ष तक की कैद या दोनों ही सजा हो सकती है। अभी तक पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ 580 एफआइआर दर्ज हुई है, जबकि 725 के चालान किए गए हैं।
इसके अलावा 1218 किसानों के दस्तावेजों में रेड एंट्री की गई है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की सैटेलाइट रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों की बात करें तो पूरे उत्तर भारत में 709 स्थानों पर पराली जलाई गई है।
इस दौरान मध्य प्रदेश में 286 स्थानों पर किसानों ने पराली में आग लगाई, जबकि उत्तर प्रदेश में 373, पंजाब में 22, राजस्थान में 10 और हरियाणा में 17 स्थानों पर फसल अवशेष जलाए गए। अभी तक पंजाब में 10 हजार 909, हरियाणा में 1406, उत्तर प्रदेश में 6142, दिल्ली में 13, राजस्थान में 2772 और मध्य प्रदेश में 16 हजार 360 स्थानों पर पराली जलाई जा चुकी है।
धान की सीधी बिजाई का दावा Haryana News :
प्रदेश में धान की सीधी बिजाई करने के नाम पर सरकार से प्रोत्साहन राशि मांग रहे 69 प्रतिशत किसानों का दावा गलत निकला है। कृषि विभाग की भौतिक सत्यापन प्रक्रिया के दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया।
कृषि विभाग के पोर्टल पर किसानों ने कुल पांच लाख छह हजार 814 एकड़ में धान की सीधी बिजाई का पंजीकरण कराया था।
पिछले साल एक लाख 75 हजार 933 एकड़ में डीएसआर तकनीक से धान की बुआई करने वाले किसानों को 70 करोड़ रुपए प्रोत्साहन स्वरूप दिए गए थे। इस बार एक लाख 56 हजार 891 एकड़ में डीएसआर तकनीक से धान लगाया गया है, जिसके लिए किसानों को प्रति एकड़ 4000 रुपये दिए जाएंगे।