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गुरुग्राम की इस सोसाइटी के टावर होंगे धराशाई, 3 टावर को गिराने के लिए जिला उपायुक्त से मांगी मंजूरी

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गुरुग्राम की इस सोसाइटी के टावर होंगे धराशाई, 3 टावर को गिराने के लिए जिला उपायुक्त से मांगी मंजूरी

गुरुग्राम सेक्टर-37डी स्थित एनबीसीसी ग्रीन व्यू सोसाइटी के असुरक्षित बहुमंजिला टावर गिरने की आशंका बनी हुई है। पिछले साल में 8 फ्लैट की बालकनी गिर चुकी है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस सोसाइटी के 3 टावर बीपीटीपी टेरा सोसाइटी के साथ लगते एक निजी स्कूल की इमारत के बिल्कुल समीप है, जिसमें सैकड़ों की संख्या में बच्चे पढ़ते हैं।

ऐसे में यदि यह टावर गिरते हैं तो बड़ा हादसा हो सकता है। एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड ने खतरे की आशंका जताते हुए फिलहाल इन 3 टावर को गिराने की मंजूरी जिला उपायुक्त से मांगी है। एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड ने इस रिहायशी सोसाइटी को नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग से करीब 9 एकड़ में लाइसेंस लेकर एनबीसीसी ग्रीन व्यू को साल 2012 में लांच किया था।

2018 में पूरी हुई थी परियोजना

बिल्डर ने इस सोसाइटी में 7 टावर का निर्माण किया, जिसमें 784 फ्लैट बनाए गए थे। इनमें से करीब 260 को बेचा गया था। इस रिहायशी परियोजना को साल 2015 में पूरा किया जाना था, लेकिन साल 2018 में पूरी हुई। इसके बाद फ्लैट मालिकों को कब्जा देना शुरू किया गया।

एक साल में इस सोसाइटी के टावर में कहीं से बालकनी से प्लास्टर झड़ना शुरू हो गया, तो कहीं पर दीवारों में दरार आने लगी। इसके विरोध में जब फ्लैट मालिकों ने प्रदर्शन करना शुरू किए तो एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड ने साल 2021 में आईआईटी दिल्ली से इस सोसाइटी की सरंचनात्मक जांच करवाई।

सभी 7 टावर को किया जा चुका है असुरक्षित घोषित

6 अक्टूबर, 2021 को आईआईटी दिल्ली ने सभी 7 टावर को रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित कर दिया। एनबीसीसी ने इन टावर को खाली करवाने का आग्रह जिला प्रशासन से किया था। अभी जिला प्रशासन इस तरफ विचार कर रहा था कि सेक्टर-109 स्थित चिंटल पैराडाइसो सोसाइटी का डी टावर गिर गया। 

इस घटना आनन-फानन में तत्कालीन जिला उपायुक्त ने 17 फरवरी को आपदा एवं प्रबंधन अधिनियम के तहत एनबीसीसी ग्रीन व्यू सोसाइटी को खाली करवाने के आदेश जारी कर दिए। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के तत्कालीन डीटीपीई आरएस बाठ ने 260 परिवारों से फ्लैट को खाली करवा लिया। 

इस बीच एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड ने इस टावर की सरंचनात्मक जांच को सीबीआरआई और आईआईटी रुड़की को सौंप दी थी। 17 मार्च, 2022 को इन दोनों एजेंसियों ने भी इन टावर को असुक्षित घोषित कर दिया था।

एनबीसीसी को लिखा गया था पत्र 

27 जुलाई, 2022 को नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के निदेशक ने एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड को पत्र लिखा कि इन टावर को गिराने की प्रकिया को एक महीने के अंदर शुरू किया जाए। इस बीच फ्लैट मालिकों ने आपत्ति जताई। उनकी तरफ से आग्रह किया कि पहले उन्हें विस्थापित किया जाए। इसके बाद फ्लैट गिराने की मंजूरी दी जाए।

डीटीपीई कार्यालय से रद्द हुई थी मंजूरी 

एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड ने पिछले साल 25 जून को भी इन टावर को गिराने की मंजूरी मांगी थी। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के डीटीपीई कार्यालय ने यह कहते हुए मंजूरी को रद्द कर दिया था कि अदालत में विचाराधीन फ्लैट मालिकों की याचिका का पहले निपटान किया जाए।

इस सोसाइटी में 142 ईडब्ल्यूएस फ्लैट भी हैं। जब इन्हें खाली करवाया गया तो करीब 70 परिवार रह रहे थे। इनके विवाद का निपटान अभी तक नहीं होने की बात बताई गई है। ये परिवार नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के कार्यालय में चक्कर काट रहे हैं।

स्कूल से सटे टावरों से छात्रों को खतरा

इस सोसाइटी में 14 मंजिला सात टावर हैं। इनमें से टावर ई, एफ और जी एक निजी स्कूल के बिल्कुल समीप है। 9 अगस्त को टावर एफ में फ्लोर नंबर पांच, छह, सात और आठ की बालकनी अपने आप गिर चुकी है। 

9 सितंबर को इस फ्लोर की दूसरी तरफ की बालकनी भी गिर गई थी। ऐसे में एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड को डर है कि यह टावर कभी भी गिर सकता है। एनबीसीसी ने इन तीनों टावर में किसी भी फ्लैट को उन्होंने बेचा नहीं है। ऐसे में इन टावर को गिराने की मंजूरी दी जाए।