Controlling Partner: कहीं आपका पार्टनर भी तो नहीं कंट्रोलिंग, ऐसे करें पहचान

Controlling Partner: दो प्यार करने वाले इंसाने के बीच रिश्ता तभी टिकता है जब दोनों एक दूसरे पर विश्वास करे। लेकिन कई बार आपका पार्टनर इतना ज्यादा पजेसिव हो जाता है कि वे आपको कंट्रोल करने लगता है। केयर करना बुरी बात नहीं है लेकिन अगर आपको हद से ज्यादा काबू करने का प्रयास करे तो समझ जाएं ये रेड फ्लैग है। आइए कंट्रोलिंग नेचर को कैसे पहचानें

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कंट्रोलिंग पार्टनर की निशानियां

1-पर्सनल स्पेस न देना

जब आप प्यार में होते हैं तो एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताना चाहिए, लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं है कि लव पार्टनर आपको पर्सनल स्पेस न दे। जिसमें आप बुक पढ़ें, खुद के पसंद की मूवी देखें या फिर एकांत में रह सकें। हमेशा चिपके रहना भी सही नहीं है।

 

2- किसी और से न करने दे

अगर आपका पार्टनर ये चाह रहा है कि आप हमेशा उसी से बातें करें, और अपने दोस्तों को इग्नोर करें या उनसे दूरी बना लें, तो ये तरीका सही नहीं है। कुछ पार्टनर तो रिलेटिव को भी अवॉइड करने को कहते हैं। जिंदगी में प्यार के रिश्ते के अलावा भी बाकी रिलेशन उतना ही अहम है, क्योंकि मुसीबत में पड़ने पर दोस्त और रिश्तेदार काम आते हैं।

 

3- एक जैसी च्वाइस के लिए फोर्स करना

दो लोगों में कुछ कॉमन चीजें या हैबिट्स होंगी जिसकी वजह से प्यार का रिश्ता बनता है, लेकिन इसका मतलब ये जरा भी नहीं है कि लव पार्टनर के बीच सब आदतें एक जैसी हों। अगर एक को टी सीरियल देखना पसंद है, तो दूसरे को स्पोर्ट्स में इंटरेस्ट हो सकता है। किसी को मीठा खाना पसंद है तो किसी को नमकीन अच्छा लगता है। अगर पार्टनर ये कहे कि मुझे जो पसंद है वैसा ही तुमको करना होगा, तो ये कंट्रोलिंग नेचर की बड़ी निशानी है।

 

4- हमेशा फोन चेक करना

पार्टनर अक्सर एक दूसरे का फोन और लैपटॉप यूज करते हैं, ये बहुत ही कॉमन प्रैक्टिस है, लेकिन अगर एक इंसान हद से ज्यादा पार्टनर पर निगरानी रख रहा है, फोन पर मैसेज चेक रहा है या लैपटॉप पर आपके डॉयक्यूमेंट्स पर नजर डाल रहा है, तो इसका मतलब ये है कि उसे आप पर भरोसा नहीं है, इसलिए कंट्रोल करना उसे एक जरूरी उपाय लग रहा है।

 

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