हरियाणा कैबिनेट की अहम बैठक आज, इन फैसलों पर लग सकती है मुहर

हरियाणा कैबिनेट की अहम बैठक आज

Haryana Cabinet Meeting: हरियाणा कैबिनेट की बैठक में क्या-क्या हुए फैसले, देखें लिस्ट

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जींद के गांव बडनपुर और सुंदरपुरा तहसील उचाना से अब तहसील नरवाना में होंगे शामिल

हरियाणा कैबिनेट ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

चंडीगढ़, 12 जुलाई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में जिला जींद के गांव बडनपुर और सुन्दरपुरा को तहसील उचाना से निकालकर तहसील नरवाना में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब इन गांवों की तहसील व उपमंडल मुख्यालय नरवाना होगा।


मिशन @ 60,000:  पहले चरण में 5 हजार युवाओं को रोजगार देने की तैयारी में सरकार

सरकार ने बनाई आईटी सक्षम युवा योजना-2024

हरियाणा को अग्रणी आईटी पावरहाउस के रूप में स्थापित करना और राज्य में ई-गवर्नेंस को मजबूत करना है मुख्य उद्देश्य

चंडीगढ़, 12 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में युवा सशक्तिकरण और रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आईटी सक्षम युवा योजना-2024 तैयार की है, जिसके तहत पहले चरण में 5 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

वर्ष 2024-25 के बजट अभिभाषण के दौरान मिशन@60,000 के अनुरूप तैयार की गई इस योजना का लक्ष्य गरीब परिवारों के 60,000 युवाओं को रोजगार देना है।

इस योजना के तहत, आईटी पृष्ठभूमि वाले युवाओं (स्नातक/स्नातकोत्तर) को रोजगार प्रदान किया जाएगा, जो न्यूनतम 3 महीने की अवधि के लिए हरियाणा आईटी कार्यक्रम (विशेष रूप से डिजाइन किए गए अल्पकालिक पाठ्यक्रम) करेंगे और उसके बाद हरियाणा राज्य में विभिन्न विभागों/बोर्डों/निगमों/जिलों/पंजीकृत समितियों/एजेंसियों या निजी संस्थाओं में तैनात किया जायेगा ।

आईटी सक्षम युवा को पहले 6 महीनों में 20,000 रुपये का मासिक पारिश्रमिक दिया जाएगा और उसके बाद सातवें महीने से 25,000 रुपये मासिक इंडेंटिंग संस्थाओं द्वारा दिए जाएंगे। यदि किसी आईटी सक्षम युवा को तैनात नहीं किया जा सकेगा तो उस स्थिति में सरकार उसे 10,000 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देगी। सरकार इन प्रशिक्षित आईटी सक्षम युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने में सुविधा प्रदान करेगी।

इस योजना के तहत हरियाणा राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (हारट्रोन), हरियाणा नॉलेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचकेसीएल), और श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय या सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित कोई अन्य एजेंसी कौशल/प्रशिक्षण एजेंसियां होंगी। हरियाणा कौशल विकास मिशन द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय उम्मीदवारों को उत्तीर्णता/पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जिम्मेदार होगा।

राज्य सरकार का यह महत्वाकांक्षी प्रयास एक कुशल कार्यबल और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और 21वीं सदी की डिजिटल दुनिया के लिए जरूरी वर्क फोर्स तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इसके अलावा, यह योजना निश्चित रूप से हरियाणा को अपनी मानव पूंजी क्षमता का लाभ उठाकर, प्रौद्योगिकी-संचालित विकास के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर और राज्य में ई-गवर्नेंस को मजबूत करके एक अग्रणी आईटी पावरहाउस के रूप में स्थापित करेगी।

 


हरियाणा मंत्रिमंडल ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना’ को दी मंजूरी

चंडीगढ़, 12 जुलाई – समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को किफायती आवास उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के लिए नीति को मंजूरी दी गई है

इस नीति के तहत राज्य के उन सभी गरीब परिवारों को आवास सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिनके पास या तो शहरी क्षेत्रों में अपना घर नहीं है या वे वर्तमान समय में कच्चे घरों में रहते हैं। शुरुआत में इस योजना के तहत 1 लाख आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को आवास उपलब्ध कराना है।

योजना का पात्र होने के लिए लाभार्थियों के पास परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) हो व  पीपीपी  के अनुसार उसकी 1.80 लाख रुपये तक की सत्यापित वार्षिक पारिवारिक आय होनी चाहिए और शहरी क्षेत्र में उनके या उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर कोई पक्का घर नहीं होना चाहिए। नीति में प्रत्येक पात्र परिवार के लिए 1 मरला (30 वर्ग गज) का प्लॉट देने का प्रावधान है, जिससे उन्हें अपना पक्का मकान बनाने की अनुमति मिलेगी। राज्य सरकार सभी के लिए आवास विभाग के माध्यम से आवश्यक भूमि उपलब्ध कराएगी।

मुख्य रूप से राज्य प्रायोजित यह योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के लाभार्थी नेतृत्व निर्माण (बीएलसी) वर्टिकल के साथ एकीकृत होगी। यह 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को लक्षित करता है, जिन्होंने 13 सितंबर 2023 से 19 अक्टूबर 2023 और 5 जनवरी 2024 से 19 जनवरी 2024 तक सभी के लिए आवास विभाग के वेब पोर्टल के माध्यम से किए गए मांग सर्वेक्षण में पंजीकरण कराया है। घुमंतू जाति, विधवाएं, अनुसूचित जाति और अन्य को लाभार्थियों को वरीयता दी जाएगी।

पिछले साल 1.80  लाख रुपये तक की सत्यापित आय वाले शहरी परिवारों के बीच आवास की मांग का आकलन करने के लिए एक ऑनलाइन पंजीकरण अभियान चलाया गया था। लगभग 2.89 लाख आवेदकों ने फ्लैट या प्लॉट की मांग दर्ज की, जिनमें से 1.51 लाख ने प्लॉट और 1.39 लाख ने फ्लैट के लिए आवेदन किया।

 

लाभार्थी मानक डिजाइन के अनुसार आवंटित 30 वर्ग गज के प्लॉट पर 350 वर्ग फीट/425 वर्ग फीट के कारपेट एरिया वाले डुप्लेक्स (दो मंजिला) फ्लैट का निर्माण कर सकते हैं। सब्सिडी, ऋण और ब्याज छूट योजनाओं को मिलाकर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

 

विशेष रूप से पीएमएवाई-यू के लाभार्थी नेतृत्व वाले निर्माण वर्टिकल के तहत घर निर्माण की सुविधा के लिए 1.5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। राष्ट्रीयकृत बैंकों या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से 6 लाख रुपये तक का आवास ऋण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के लिए राज्य सरकार उनकी ईएमआई पर ब्याज छूट प्रदान करेगी।

सरकार पहले दो वर्षों के लिए कुल ब्याज राशि और तीसरे वर्ष में 35,000 रुपये तक की ब्याज राशि का भुगतान करेगी। चौथे वर्ष में सरकार ब्याज राशि का 25,000 रुपये तक और पांचवें वर्ष में 10, 000 रुपये तक का भुगतान करेगी। इसके अतिरिक्त MMSAY लाभार्थियों के लिए भवन स्वीकृति शुल्क, विकास शुल्क आदि नहीं लिए जाएंगे। प्लॉट के लिए पंजीकरण (हस्तांतरण विलेख) शुल्क नाममात्र 500 रुपये होगा। संबंधित प्राधिकारी द्वारा आवेदन के समय पानी और सीवरेज कनेक्शन के लिए शुल्क भी माफ कर दिया जाएगा।

 

चंडीगढ़, 11 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई  मंत्रिमंडल की बैठक में गांव सेरधा, कैथल में स्थित अमरनाथ भगत जयराम गर्ल्स कॉलेज का राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहण करने को मंजूरी दी गई।

मंत्रिमंडल ने यह निर्णय उच्च शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए और स्थानीय समुदाय की लगातार मांग को मानते हुए लिया है। यह संस्थान अब अपनी सभी उपलब्ध सुविधाओं के साथ राज्य सरकार के तत्वावधान में काम करेगा।

उल्लेखनीय है कि जयराम विद्यापीठ, सेरधा (कैथल) ने वर्ष 2004 में अमरनाथ भगत जयराम कन्या महाविद्यालय, सेरधा (कैथल) के नाम से महाविद्यालय शुरू किया था। वर्तमान में अमरनाथ भगत जयराम कन्या महाविद्यालय, सेरधा (कैथल) में कला और वाणिज्य संकाय में 294 छात्राएं नामांकित हैं। सेरधा गांव के सभी निवासियों, राजौंद (कैथल) की विभिन्न ग्राम पंचायतों और अमरनाथ भगत जयराम कन्या महाविद्यालय, सेरधा (कैथल) से प्राप्त अनुरोध के मद्देनजर, महाविद्यालय को राज्य सरकार द्वारा अपने अधीन लेने का निर्णय लिया गया है।

कैबिनेट की स्वीकृति के अनुसार सोसायटी की भूमि (24 एकड़ 17 मरला) भवन और अन्य परिसंपत्तियों सहित उच्चतर शिक्षा विभाग को निशुल्क हस्तांतरित की जाएंगी। इसके अलावा, सोसायटी की किसी भी प्रकार की देनदारियों के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं होगी।

विद्यार्थियों के हित में प्रदेश सरकार वर्तमान में सोसायटी द्वारा संचालित महाविद्यालय को अपने अधीन लेगी, लेकिन अगले शैक्षणिक सत्र से केवल उन्हीं पाठ्यक्रमों में प्रवेश देगी जो व्यवहार्य और टिकाऊ पाए जाएंगे। जब तक कॉलेज की भूमि/भवन को सरकार द्वारा अधिग्रहित नहीं कर लिया जाता, तब तक प्रबंधन समिति कॉलेज का संचालन जारी रखेगी।

इसके अलावा, कॉलेज के कर्मचारियों को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से ही सरकारी सेवा में माना जाएगा और उनकी वरिष्ठता सरकारी नियमों के अनुसार तय की जाएगी। कॉलेज में उनकी पारस्परिक वरिष्ठता में कोई बदलाव नहीं होगा और सभी नियुक्तियों को नई नियुक्तियां माना जाएगा।

इसके अलावा, केवल वे शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी ,जो अपनी नियुक्ति के समय यूजीसी मानदंडों/राज्य सरकार के मानदंडों के अनुसार निर्धारित शैक्षणिक योग्यता पूरी करते हैं, उन्हें कॉलेज के कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से सरकारी रोल पर लिया जाएगा। साथ ही, केवल उन स्थायी कर्मचारियों को ही शामिल किया जा सकता है जिन्होंने परिवीक्षा अवधि पूरी कर ली है।

चंडीगढ़, 12 जुलाई– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब अनुसूचित सड़कें और नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास प्रतिबंध नियम, 1965 में संशोधन और हरियाणा जैव-ऊर्जा नीति, 2018 का कार्यान्वयन को मंजूरी प्रदान की गई है।

पंजाब अनुसूची सड़कें और नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास प्रतिबंध नियम, 1965 की अनुसूची-IV के अंत में मद 5 ‘’हरियाणा राज्य में अक्षय ऊर्जा विद्युत परियोजनाओं के लिए कोई भी संपरिवर्तन प्रभार तथा संवीक्षा फीस प्रभारित नहीं की जाएगी।” के स्थान पर “हरियाणा राज्य में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के साथ पंजीकृत नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं जैसे कि सौर, जलविद्युत, बायोगैस, बायोमास पावर बायोमास कोजेनरेशन, ग्रीन हाइड्रोजन, बायो-डीजल पैलेटाइजेशन आदि के लिए कोई संपरिवर्तन प्रभार और सवीक्षा फीस प्रभारित नहीं की जाएगी।” ये मद प्रतिस्थापित की जाएगी

हरियाणा बायो-एनर्जी नीति को अधिसूचना दिनांक 09 मार्च 2018 द्वारा अधिसूचित किया गया था, जिसे नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (डीएनआरई) द्वारा सौर, जलविद्युत, बायोगैस, बायोमास पावर, बायोमास कोजेनरेशन, ग्रीन हाइड्रोजन, बायो-डीजल, पैलेटाइजेशन आदि परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए लागू किया गया है। इन प्रोत्साहनों के तहत भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) अनुमति, जाँच शुल्क, ईडीसी शुल्क आदि से छूट दी जाती थी।

 

हरियाणा मंत्रिमंडल ने हरियाणा ग्राम साझी भूमि (विनियमन) अधिनियम 1961 में और संशोधन करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी

चंडीगढ़, 12 जुलाई – हरियाणा मंत्रिमंडल की आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में हरियाणा ग्राम साझी भूमि (विनियमन) अधिनियम 1961 में और संशोधन करने के लिए अध्यादेश लाने को मंजूरी दी गई।

प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, शामलात देह में भूमि का स्वामित्व, जो पूर्वी पंजाब भूमि उपयोग अधिनियम 1949 के तहत 20 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे के आधार पर आवंटित किया गया था और उक्त भूमि मूल आवंटी, हस्तान्तरितकर्ता या उनके कानूनी उत्तराधिकारी के पास खेती योग्य कब्जे में रही है, को तत्काल प्रभाव से शामलात देह के दायरे से बाहर रखा जाएगा। इस निर्णय से राज्य के हजारों किसानों को लाभ मिलेगा जो दशकों से ऐसी जमीन पर खेती कर रहे हैं।

इसके अलावा, यह भी प्रस्तावित है कि मूल पट्टेदार, हस्तान्तरित व्यक्ति या उनके कानूनी उत्तराधिकारी को स्वामित्व अधिकारों के हस्तांतरण के लिए संबंधित ग्राम पंचायत को एक राशि का भुगतान करना होगा। यह राशि निर्धारित सिद्धांतों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए, किसान द्वारा आवेदन करने पर सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी।

इसके अलावा, ऐसी पंचायती भूमि का स्वामित्व गांव के उन निवासियों को बिक्री द्वारा हस्तांतरित किया जाएगा, जिन्होंने 31 मार्च, 2004 को या उससे पहले अपने घरों का निर्माण किया है। ये घर अधिकतम 500 वर्ग गज तक (खुली जगह सहित) हों। बिक्री दर बाजार शुल्क से कम नहीं होगी।

इससे पंचायतों को उन पुराने मामलों को नियमित करने में मदद मिलेगी, जिनमें निवासियों ने पंचायती जमीन पर मकान बनाए हैं। साथ ही जमीन की बिक्री से पंचायतों को आय भी होगी। इससे राज्य भर की विभिन्न अदालतों में लंबित कई मुकदमे भी खत्म हो जाएंगे।

 

चंडीगढ़, 12 जुलाई- बेसहारा गोवंश को आश्रय देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रिमंडल की बैठक में ग्राम पंचायत रंगला खंड तावडू जिला नूंह की 7 एकड़ 4 कनाल 7 मरला भूमि मातृधारा गोवंश रक्षण एवं संवर्धन ट्रस्ट को 1000-1500 पशुओं की गौशाला बनाने के लिए 20 वर्ष के लिए पट्टे पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

तय नियम के तहत संबंधित सरपंच और खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी गौशाला की प्रबंध समिति या गौशाला के मामलों की देखभाल के लिए गठित किसी समिति के पदेन सदस्य होंगे। वे ये सुनिश्चित करेंगे कि पट्टे के नियमों और शर्तों का पूरी तरह से पालन किया जाए।

उल्लेखनीय है कि यह सरकार की नई नीति के तहत किया गया है, जिसके तहत पंचायतों की गौ चरांद /अन्य शामलात भूमि का उपयोग नई गौशालाओं के निर्माण के लिए किया जा सकेगा, ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवारा पशुओं की देखभाल की जा सके। इससे शहरों में आवारा पशुओं का बेहतर प्रबंधन भी हो सकेगा।

चंडीगढ़, 12 जुलाई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (वार्ड एवं चुनाव का सीमांकन) नियम, 2023 में संशोधन को मंजूरी दी गई।

पहले मतदाता सूची में नाम शामिल करवाने के लिए 100 रुपये और 500 रुपये के भुगतान का प्रावधान था, जिसे अब हटा दिया गया है।

चंडीगढ़, 12 जुलाई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई।

इस संशोधन का उद्देश्य हरियाणा सिख गुरुद्वारा न्यायिक आयोग के अध्यक्ष की पात्रता मानदंडों में परिवर्तन करना है, ताकि राज्य में सिख गुरुद्वारों और गुरुद्वारा संपत्तियों का अधिक प्रभावी पर्यवेक्षण सुनिश्चित किया जा सके।

संशोधन के अनुसार अब हरियाणा सिख गुरुद्वारा ज्यूडिशियल कमीशन में चेयरमैन के पद पर माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की भी नियुक्ति हो सकेगी। इससे पहले, केवल जिला एवं सत्र न्यायाधीश को ही चेयरमैन पद पर नियुक्त करने का प्रावधान था। इसके अलावा, मौजूदा प्रावधान में चेयरमैन के लिए निर्धारित अधिकतम 65 वर्ष की आयु की सीमा को भी खत्म कर दिया गया है।

 

चंडीगढ़, 12 जुलाई- हरियाणा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आवास तथा सस्ती दरों पर डवेल्लिंग यूनिट उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना लागू करने का निर्णय लिया है।

यह निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया  है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना का मुख्य उद्देश्य सतत विकास के तहत ग्रामीणों को किफायती दर पर गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध करवाना है। सरकार इस योजना के तहत प्रत्येक ग्रामीण को पारदर्शी और योजनाबद्ध तरीके से आवास उपलब्ध करवाएगी। इससे ग्रामीणों की समृद्धि में बढ़ोतरी होगी।

सरकार के इस निर्णय के बाद ऐसे लाभार्थियों को आवास उपलब्ध होगा, जिन्हें महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत पिछले 15 वर्षों में आवासीय प्लाट का कब्जा नहीं मिला।

ऐसे लाभार्थियों को सरकार अधिकतम 1 लाख रुपये वित्तीय सहायता या 100 वर्ग गज तक के आवासीय प्लॉट की वास्तविक कीमत, जो भी कम हो मुहैया करवाएगी।

मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना वर्ष 2024-25 और वर्ष 2025-26 तक लागू की जाएगी। ग्रामीण विकास विभाग ऐसे चिन्हित लाभार्थियों की सूची उपलब्ध करवाएगा, जिन्हें महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत 100 वर्ग गज के प्लॉट का कब्जा नहीं दिया गया।

यह योजना ऐसे लाभार्थियों को लाभ सुनिश्चित करेगी, जिन्हें महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत प्लॉट तो आवंटित हुए लेकिन पिछले 15 वर्षों में प्लॉट का कब्जा नहीं मिला। ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से ऐसे चिन्हित लाभार्थियों की सूची जारी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत निर्धारित दिशानिर्देशों और संशोधन के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के लाभार्थियों को चिन्हित करेगा। ऐसे लाभार्थियों की सूची ग्रामीण विकास विभाग मुहैया करवाएगा। इस सूची के आधार पर हाउसिंग फॉर ऑल विभाग लाभार्थियों को अधिकार पत्र जारी करेगा। यह अधिकार पत्र जारी होने की तिथि से एक वर्ष के लिए मान्य होगा। इन पत्रों पर क्यू आर कोड (विशिष्ट पहचान कोड) अंकित होगा। ऐसे लाभार्थियों का डाटा व अधिकार पत्र की जानकारी राजस्व विभाग के साथ सांझा की जाएगी।

इसके लिए  राजस्व विभाग ‘‘स्टैंडर्ड सेल डीडज्ज् तैयार करेगा, जिसमें क्रेता, विक्रेता व अधिकार पत्र की जानकारी शामिल होगी। लाभार्थी को अधिकार पत्र जारी होने के 1 वर्ष के समय अवधि में आवासीय प्लॉट खरीदना होगा। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत पंजीकरण प्राधिकारी सम्बंधित उप-मण्डल अधिकारी (सिविल) होंगे।

प्लॉट की रजिस्ट्री के दौरान खरीददार व विक्रेता को पंजीकरण प्राधिकारी उप-मण्डल अधिकारी (सिविल) के समक्ष मौजूद रहना होगा। इस दौरान सम्बंधित दस्तावेज जैसे कि अधिकार पत्र, स्टैंडर्ड सेल डीड (जोकि हाउसिंग फॉर ऑल विभाग की वेबसाइट https://hfa.haryana.gov.in  पर उपलब्ध है), विक्रेता की बैंक पास बुक की कॉपी इत्यादि उपलब्ध करवानी होगी।


पंजीकरण प्राधिकारी वेब हैलरिस के माध्यम से पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके लिए वेब हैलरिस से एपीआई जनरेट होगा जोकि हाउसिंग फॉर ऑल विभाग के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से एक्सेस हो सकेगा। इसमें लाभार्थियों के पंजीकरण संबंधी जानकारी सांझा की जा सकेगी।
एपीआई के माध्यम से वेब हैलरिस पर भुगतान प्रक्रिया पूरी करने के लिए पंजीकरण के बाद विक्रेता की जानकारी, खरीददार की जानकारी, सम्पति का विवरण, लेनदेन की राशि की जानकारी हाउसिंग फॉर ऑल विभाग के साथ सांझा की जाएगी। हाउसिंग फॉर ऑल विभाग एक बैंक खाता रखेगा। खरीददार, विक्रेता व पंजीकरण प्राधिकारी को एसएमएस /ईमेल के माध्यम से विक्रय व लेनदेन की राशि की जानकारी भेजी जाएगी।

Avi Dulgach

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