PMGKAY: राशन कार्ड धारकों के लिए खुशखबरी, मोदी सरकार ने कर दिया बड़ा ऐलान

Free Rice Supply Under PMGKAY,

केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राशन कार्ड धारकों को मुफ्त राशन दिया जाता है। अगर आप भी राशन कार्ड धारक है तो आपके लिए काम की खबर है। सरका ने PMGKAY और अन्य कल्याणकारी योजनाओं समेत सरकार की सभी योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल की यूनिवर्सल सप्लाई को दिसंबर 2024 से दिसंबर 2028 तक जारी रखने की मंजूरी दी गई है।

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चावल को सुदृढ़ बनाने की पहल, PMGKAY (खाद्य सब्सिडी) के हिस्से के रूप में भारत सरकार द्वारा 100% वित्त पोषण के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की पहल के रूप में जारी रहेगी, इस प्रकार कार्यान्वयन के लिए एक एकीकृत संस्थागत तंत्र प्रदान किया जाएगा.

तदनुसार, देश में पोषण सुरक्षा की आवश्यकता पर 75वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के संबोधन के अनुरूप, देश में एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए ‘लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS), अन्य कल्याणकारी योजनाओं, एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS), सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) में पीएम पोषण (पूर्ववर्ती एमडीएम) के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति’ पहल की गई.

अप्रैल 2022 में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने मार्च 2024 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में चावल फोर्टिफिकेशन पहल को लागू करने का फैसला किया. तीनों चरण सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं और सरकार की सभी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति के लिए सार्वभौमिक कवरेज का लक्ष्य मार्च 2024 तक हासिल कर लिया गया है.

क्या है समस्या और फोर्टिफिकेशन की जरूरत क्यों?
2019 और 2021 के बीच किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, भारत में एनीमिया एक व्यापक समस्या बनी हुई थी, जो विभिन्न आयु समूहों और आय स्तरों के बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को प्रभावित करती है. आयरन की कमी के अलावा, विटामिन बी12 और फोलिक एसिड जैसे अन्य विटामिन और खनिज की कमी भी बनी रहती है, जिससे आबादी के समग्र स्वास्थ्य और उत्पादकता पर असर पड़ता है.

खाद्य फोर्टिफिकेशन का उपयोग विश्व स्तर पर कमजोर आबादी में एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय के रूप में किया जाता है. चावल भारतीय संदर्भ में सूक्ष्म पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए एक आदर्श साधन है क्योंकि भारत की 65% आबादी चावल को मुख्य भोजन के रूप में खाती है.

 

 

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