PM Kusum Yojana: भारत सरकार की फ्री सोलर पैनल योजना (PM Kusum Yojana) के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पैनल लगाने की सुविधा दी जा रही है। इस योजना का उद्देश्य किसानों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उन्हें आय का एक और साधन प्रदान करना है। योजना के तहत, किसान अपने खेतों में सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन कर सकते हैं, जिसका उपयोग वे खुद के लिए कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेचकर आय प्राप्त कर सकते हैं।
इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप, ग्रिड कनेक्टेड सोलर पैनल और अन्य आवश्यक उपकरणों पर 60% तक की सब्सिडी दी जा रही है। इसमें केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर सब्सिडी प्रदान करती हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपने राज्य के संबंधित कृषि या ऊर्जा विभाग में आवेदन करना होता है।
ताजा अपडेट्स के अनुसार, योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है, और किसान वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। विभिन्न राज्यों में इस योजना के तहत अलग-अलग सब्सिडी दरें हो सकती हैं, इसलिए राज्य सरकार की वेबसाइट पर अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
फ्री सोलर पैनल योजना (प्रधानमंत्री कुसुम योजना) के तहत, किसानों को सोलर पंप सेट और सोलर पावर प्लांट्स की स्थापना के लिए सहायता दी जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को बढ़ाना और उन्हें ऊर्जा के सस्ते और स्वच्छ स्रोत प्रदान करना है।
योजना की विशेषताएँ
1. सोलर पंप सेट्स: योजना के तहत, किसानों को 60% तक की सब्सिडी दी जाती है। इससे किसानों को बिजली की लागत में भारी कमी आएगी, और वे अपनी फसलों की सिंचाई के लिए सोलर पंप का उपयोग कर सकते हैं।
2. सोलर पावर प्लांट्स: किसानों को 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक के सोलर पावर प्लांट्स लगाने की सुविधा भी दी जा रही है। किसान अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेच सकते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय का साधन मिलता है।
3. ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया: योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा दी गई है। किसान राज्य की सरकारी वेबसाइट या कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
4. लाभार्थियों की पात्रता: इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को अपनी जमीन के दस्तावेज, बैंक खाते की जानकारी, और आधार कार्ड जैसे आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
5. राज्य सरकार की भागीदारी: केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी इस योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सब्सिडी का एक हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
6. लाभ: इस योजना से किसानों की उत्पादन लागत में कमी आएगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। साथ ही, इससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि यह ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देती है।