हरियाणा में मानसून इस साल काफी सक्रिय है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक राज्य के 11 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें पानीपत, झज्जर, रेवाड़ी, सोनीपत, महेंद्रगढ़, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, फतेहाबाद, फरीदाबाद और नूंह शामिल हैं।
पिछले 24 घंटों में फतेहाबाद में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, राज्य के 16 जिलों में मानसून की बारिश सामान्य से कम हुई है। कैथल, करनाल और पंचकूला जिले में तो सामान्य से आधी बारिश भी नहीं हो पाई।
अगस्त में 33% अधिक बारिश
आश्चर्यजनक रूप से, अगस्त महीने में ही राज्य में 33% अधिक बारिश हुई है। जबकि, जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।
बारिश के कारण राज्य में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। रात का तापमान जहां 26-27 डिग्री के आसपास है, वहीं अधिकतम तापमान में भी दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है।
विशेषज्ञों की राय
मौसम विज्ञानी मानते हैं कि मानसून की अनियमितता से कृषि और जल संसाधनों पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए अधिक पानी का उपयोग करना पड़ रहा है। सरकार को इस स्थिति से निपटने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने का अनुमान लगाया है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों की नियमित निगरानी करें और जरूरत पड़ने पर कृषि विभाग से संपर्क करें।